लखनऊ : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में गुरुवार को, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट लखनऊ (आईआईएम-एल), केंद्रीय विद्यालय संगठन, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगांठ पर संयुक्त पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान बीबीएयू के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि 'नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के अध्ययन के लिए विषयों का चयन और अधिक आसान किया गया है. एनईपी के तहत बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) को इसके लिए नोडल केंद्र के रूप में नियुक्त किया गया है. इसके अतिरिक्त एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय निरन्तर प्रयास कर रहा है. विश्वविद्यालय के सभी विभागों में एनईपी से संवर्धित पाठ्यक्रम को 2020 से लागू कर दिया गया है.'
प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि 'विश्वविद्यालय ने मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के प्रावधान को लागू किया गया है. प्रत्येक विभाग ने मूल्य संवर्धन, कौशल विकास, क्षमता वृद्धि, भारतीय पारंपरिक ज्ञान, सामुदायिक जुड़ाव, इंटर्नशिप प्रोजेक्ट, अप्रेंटिसशिप और क्रेडिट आवश्यकताओं के साथ प्रायोगिक और अनुभवात्मक शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन किये हैं. सभी कार्यक्रमों में स्वयं और मूक पाठ्यक्रमों की अनुमति दी गयी है. विश्वविद्यालय ने आने वाले सत्रों में अधिक इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री कार्यक्रम शुरू करने की पहल की है.' इस दौरान सभी वक्ताओं ने एनईपी के फायदे और उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही इनके विभिन्न आयामों एवं भविष्य को लेकर संभावनाओं आदि विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. प्रेस कांफ्रेंस में कुलपति प्रो. संजय सिंह, आईआईएम की निदेशक प्रो. अर्चना शुक्ला, केन्द्रीय विद्यालय संगठन के डिप्टी कमिश्नर डीके द्विवेदी, जवाहर नवोदय विद्यालय के डिप्टी कमिश्नर डॉ एसके माहेश्वरी और बीबीएयू की एनईपी समिति की अध्यक्ष प्रो संगीता सक्सेना शामिल रहीं.