लखनऊ : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सोमवार को राजधानी में आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिन लखनऊ में रहेंगे. चारबाग रेलवे स्टेशन से राजभवन तक हाई सिक्योरिटी जोन बनाया गया है. चप्पे-चप्पे पर ATS कमांडो समेत पीएसी और सिविल पुलिस के करीब दो हजार जवानों को तैनात किया जाएगा. हर 500 मीटर पर एक गैजेटेड अफसर की तैनाती रहेगी, जो फोर्स को डायरेक्शन देते रहेंगे. करीब 200 सुरक्षाकर्मी रूफटॉप ड्यूटी की कमान संभालेंगे. रविवार को ADG जोन, पुलिस कमिश्नर समेत कई अफसरों ने रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक सुरक्षा का जायजा लिया. इससे पहले चारबाग रेलवे स्टेशन से लोकभवन और यहां से वापस एयरपोर्ट तक के रूट पर फ्लीट का रिहर्सल किया गया.
रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर हुई सुरक्षा की जांच
जॉइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने बताया कि राष्ट्रपति के लिए चारबाग रेलवे स्टेशन से कैंट होते हुए राजभवन और वहां से लोकभवन जाने का मुख्य मार्ग निर्धारित किया गया है. आपात स्थिति में चारबाग स्टेशन से बर्लिंगट चौराहा होकर राजभवन तक पहुंचने का अतिरिक्त मार्ग बनाया गया है. यहां से वापस एयरपोर्ट पहुंचने के लिए कैंट होकर वीआईपी रोड से होते हुए एयरपोर्ट जाने का रास्ता तय किया गया है.
94 पॉइंट पर रहेगी बैरिकेडिंग, 114 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
राष्ट्रपति के भ्रमण के दौरान ट्रैफिक जाम न लगे इसके लिए रूट से जुड़े रास्तों पर 94 पॉइंट पर बैरियर लगाए जाएंगे. चारबाग से लोकभवन के बीच 114 हाईटेक सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल किये गए हैं. सुरक्षा के लिए लखनऊ जंक्शन के 49 और चारबाग के 65 हाई डेफिनीशन सीसीटीवी कैमरे चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे. इनमें जो कैमरे खराब थे, उन्हें ठीक करवाया गया है. वहीं स्टेशन पर पानी की टंकी से लेकर ऊंचाई से नजर रखने वाली हर जगह पर आरपीएफ, जीआरपी के जवान मुस्तैद रहेंगे. इन कमरों की कनेक्टिविटी पुलिस मॉर्डन कंट्रोल रूम से की गई है, यहां से पुलिस रूट पर हर पल नजर रखेगी.
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ग्रीन कॉरिडोर से निकाले जाएंगे एंबुलेंस और आपात सेवा के वाहन
एसपी ट्रैफिक रईस अख्तर ने बताया कि पब्लिक को परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए किसी पॉइंट पर अधिकतम 10 मिनट से ज्यादा देर तक ट्रैफिक नहीं रोका जायेगा. राष्ट्रपति का काफिला जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा पीछे ट्रैफिक को छोड़ा जाता रहेगा. एम्बुलेंस या फायर बिग्रेड की गाड़ी को ग्रीन कॉरिडोर देकर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा. इसके लिए 5 इंटरसेप्टर वैन सभी रुट पर दौड़ती रहेंगी.