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शिक्षा नीति: इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान एवं लेक्चर मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करें विश्वविद्यालय - शिक्षा नीति

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान एवं लेक्चर मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करें.

ऑनलाइन बैठक आयोजित
ऑनलाइन बैठक आयोजित

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Published : Oct 15, 2020, 9:30 AM IST

लखनऊ: प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लागू करने को लेकर अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग कमेटी की बुधवार को ऑनलाइन बैठक आयोजित हुई. बैठक में अधिकांश विश्वविद्यालयों ने अवगत कराया कि उन्होंने इसी सत्र से अपने यहां एमफिल कार्यक्रम को समाप्त कर दिया है.

शिक्षकों की ट्रेनिंग की योजना बनाएं कुलसचिव
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को निर्देशित किया कि वे शिक्षकों की ट्रेनिंग की योजना बनाएं और उससे शासन को अवगत कराएं. सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपना-अपना इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान एवं लेक्चर मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करें. साथ ही उसके अनुरूप कार्य करना सुनिश्चित करें.

विश्वविद्यालय कैंपस को वाई-फाई से लैस करें
राजकीय महाविद्यालय बादलपुर, गौतम बुद्ध नगर में संचालित ऑनलाइन कक्षाएं एवं लेक्चर मैनेजमेंट सिस्टम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य महाविद्यालय भी इस तरह की व्यवस्था लागू करें. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विश्वविद्यालय अपने कैंपस को वाई-फाई युक्त बनाएं. छात्रों को निःशुल्क वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराएं. विश्वविद्यालय आगामी सत्र से अपने यहां एक्सीलेंस सेंटर बनाने के प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, जिससे उसके लिए उन्हें अनुदान दिया जा सके.

वर्तमान सत्र का 20 फीसद पाठ्यक्रम ऑनलाइन पूरा
इस अवसर पर अधिकारियों ने अवगत कराया कि प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अब तक वर्तमान सत्र का 20 प्रतिशत पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया जा चुका है. उन्होंने इस अवसर पर निर्देश दिया कि सभी विश्वविद्यालय अपने यहां ऑनलाइन क्लास के लिए एक समय सारणी एवं सिस्टम बनाएं. उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें और उसके अनुरूप कक्षाएं संचालित कराना सुनिश्चित करें, जिससे इच्छुक छात्र उनमें प्रतिभाग कर सकें.

बैठक में भारतीय भाषाओं के मुद्दे पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया. प्रोफेसर हर्ष कुमार ने इस अवसर पर पाठ्यक्रम में किस तरह से भारतीय भाषाओं को सम्मिलित किया जाए और छात्रों में उनके प्रति रुचि कैसे पैदा की जाए, इस पर अपना विस्तृत प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया.

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