लखनऊ:उत्तर प्रदेश में बोर्ड परीक्षा से पहले पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई है. चुनाव कराए जाने को लेकर ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के आंशिक परिसीमन का काम शुरू करने को लेकर पंचायती राज विभाग की तरफ से शासनादेश जारी किया गया है. इसके अनुसार पंचायतों के आंशिक परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी. आंशिक परिसीमन के लिए आपत्तियां मांगने का काम, उनके निस्तारण और फिर निर्वाचन क्षेत्रों की अंतिम सूची प्रकाशित करने का कार्यक्रम जारी किया गया है. उत्तर प्रदेश के 49 जिलों में पंचायतों के आंशिक परिसीमन का काम किया जाना है.
पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज, आंशिक परिसीमन का शासनादेश जारी
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई है. यूपी में बोर्ड परीक्षा से पहले पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर पंचायती राज विभाग की तरफ से शासनादेश जारी किया गया है.
अपर मुख्य सचिव ने जारी किया शासनादेश, ये रहेगा कार्यक्रम
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से शासनादेश जारी किया गया है, जिसके अनुसार 3 से 6 दिसंबर तक प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों की अंतिम सूची प्रकाशन होने की तिथि निर्धारित की गई है. इससे पहले 4 दिसंबर से 11 दिसंबर तक ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का अवधारण सुनिश्चित किया जाएगा. यह काम 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा. उससे पहले ग्राम पंचायत, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत की प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की प्रस्तावित सूची और प्रकाशन 12 से 21 दिसंबर तक करने की बात शासनादेश में कही गई है. 22 दिसंबर से 26 दिसंबर तक प्रस्तावित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों पर आपत्तियां मांगी गई है. इसके बाद 27 दिसंबर से 2 जनवरी तक आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा.
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी करेगी आपत्तियों का निस्तारण
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से जारी शासनादेश में कहा गया है कि त्रिस्तरीय पंचायतों के आंशिक निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में ग्राम और क्षेत्र पंचायत से संबंधित आपत्तियां जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में प्राप्त की जाएंगी. जिला पंचायत के वार्डों पर आपत्तियां जिला पंचायत कार्यालय में ली जाएंगी. इनका निस्तारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय कमेटी के द्वारा किया जाएगा. इसमें जिलाधिकारी के नेतृत्व में सीडीओ, डीपीआरओ और जिला पंचायत के अधिकारी शामिल रहेंगे.