लखनऊ : बीते दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन से पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यूपी को नए सिरे से संगठन निर्माण की तैयारी शुरू कर दी थी. अब महाधिवेशन में तय हुए एजेंडे को लागू करने में साफ तौर पर देखा जा सकता है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने सभी एआईसीसी व पीसीसी मेंबर्स को प्रदेश में जिम्मेदारी देने की कवायद शुरू की है. कांग्रेस पार्टी की नजर इस साल होने वाले निकाय चुनाव व अगले साल की शुरुआत में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जुड़ी है. पार्टी इन सभी मेंबर्स के माध्यम से हर सीट पर खास तौर पर पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के वोट बैंक को साधने में जुटी है. अधिवेशन से पहले पार्टी ने पुराने व नाराज चल रहे नेताओं को एआईसीसी व पीसीसी का सदस्य बनाकर उनकी नाराजगी को दूर कर दिया है.
2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के बाद नए सिरे से संगठनात्मक गठन की प्रक्रिया से गुजर रही है. प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही प्रदेश में नए सिरे से संगठन का स्वरूप तैयार करने की कवायद को जोड़ दिया जा रहा था. करीब 8 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया. पार्टी ने सभी एआईसीसी व पीसीसी मेंबर का चयन कर नाराज चल रहे पुराने नेताओं व युवाओं को जोड़ा है. पार्टी ने इसके आगे की कड़ी में वंचित रह गए उन नेताओं को खासतौर पर जो पुराने समय में विधायक, एमएलसी या कद्दावर नेता रहे हैं उन्हें जिला संगठनों में जगह देने की कवायद कर रही है, ताकि कांग्रेस अपनों के बीच में फैली नाराजगी व मायूसी को दूर कर सके. पार्टी नेताओं का कहना है कि 'कांग्रेस निकाय चुनाव व लोकसभा चुनाव में अपने पुराने व भरोसेमंद लोगों के साथ ही जाना चाह रही है.'