लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्रीय बजट आने के बाद यूपी के आने वाले बजट की तैयारियों को तेज कर दिया है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जहां एक तरफ केंद्र सरकार ने कई क्षेत्रों पर फोकस किया है, वहीं उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के आने वाले बजट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं. 2024 के चुनाव से पहले सरकार की कोशिश है कि युवाओं, महिलाओं, किसान और अति पिछड़ी जातियों को लेकर कोई ऐसी योजना लाई जाए जिससे समाजवादी पार्टी के द्वारा उठाए गए सवाल को दूर किया जा सके. जातियों को साधने के लिए इस बजट में कई तरह के प्रावधान हो सकते हैं. इसके अलावा बजट का आकार क्या होगा इसको लेकर भी तमाम विभागों से योजनाओं को लेकर भी सुझाव मांगे गए हैं. शासन के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस बार का आने वाला बजट का आकार करीब पौने सात लाख करोड़ रुपये का हो सकता है.
वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को लेकर निर्देश दिए हैं कि एक बेहतरीन और सर्वसमावेशी और हर वर्ग को छूने वाला बजट लाने के लिए पूरी योजना बनाई जाए और इसको लेकर ही सभी विभागों में खासकर युवा, महिला, किसान, व्यापारी और पिछड़ी समाज को ध्यान में रखकर विशेष रूप से नई योजनाएं शुरू करने को लेकर प्रस्ताव बनाए जाएं और फिर अगले सप्ताह होने वाली बजट को लेकर महत्वपूर्ण बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. वित्त विभाग के स्तर पर बजट के आकार को फाइनल किया जा रहा है, जिससे हर वर्ग की उम्मीदों के अनुसार बजट में नए प्रस्ताव शामिल किए जा सकेंगे.'
उन्होंने कहा कि '2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस साल के लिए सरकार तमाम नए प्रस्ताव बजट में ला सकती है. लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तमाम नई योजनाएं भी शुरू किए जाने के प्रावधान बजट में नजर आ सकते हैं. वित्त विभाग की तरफ से सभी विभागों से प्रस्ताव भी मांगे गए हैं, जिससे मुख्य रूप से सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने में अगले वर्ष के बजट में तमाम नए तरह के प्रावधान किए जा सकते हैं. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के राम चरित मानस को लेकर दिए गए बयान के बाद पिछड़ी वंचित जातियों को साधने के लिए कई प्रावधान बजट में होने के संकेत दिख सकते हैं. साथ ही बेरोजगारी दूर करने को लेकर कई नई योजनाएं शुरू की जा सकती हैं. एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने और युवा, महिला, किसानों पर केंद्रित कई घोषणाएं शामिल हो सकती हैं.'