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स्नातक और परास्नातक में 60 फीसदी अंक हुए तो पीएचडी में सीधे दाखिला मिलेगा - पीएचडी में दाखिला

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr APJ Abdul Kalam Technical University) केमें पीएचडी आर्डीनेंस में संशोधन की तैयारी की जा रही है. अब महिला शोधार्थियों को 240 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा.

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Published : Jun 1, 2023, 7:53 AM IST

लखनऊ: पीएचडी में प्रवेश को लेकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr APJ Abdul Kalam Technical University) के पीएचडी आर्डीनेंस में संशोधन (Amendment in PhD Ordinance) की तैयारी है. संशोधन के बाद बीटेक/एमसीए 60 फीसदी अंकों के साथ पास छात्रों को सीधे पीएचडी में दाखिला मिलेगा. बशर्ते छात्र ने यूजी भी 60 फीसद अंक के साथ पास किया हो. वहीं गेट व सीयूईटी से एमटेक में दाखिला पाये छात्रों को भी विवि पीएचडी में सीधे प्रवेश देने की तैयारी की जा रही है. पीएचडी आर्डीनेंस में संशोधन का प्रस्ताव आगामी तीन जून को प्रस्तावित एकेडमिक काउंसिल की बैठक में ले जाया जायेगा. जहां से अनुमोदन मिलने के बाद इसे प्रभावी बना दिया जायेगा.

संशोधन को लेकर विवि के प्रतिकुलपति प्रो. मनीष गौड़ ने बताया कि एक वर्ष निर्धारित कोर्स वर्क पूरा करने के उपरांत निर्धारित ग्रेड प्राप्त करने पर पीएचडी में माइग्रेट करने का अवसर प्रदान किया जायेगा अन्यथा की स्थिति में एमटेक निर्धारित आर्डिनेंस के अनुसार चलता रहेगा. वहीं पीएचडी में माइग्रेट करने पर पीएचडी आर्डिनेंस की प्रभावी व्यवस्था लागू रहेगी. जबकि सहायक प्रोफेसर एवं सह प्रोफेसर स्तर पर अधिकतम पीएचडी रजिस्टर्ड छात्रों की संख्या बढ़ाकर क्रमश: 4 और 6 किया जाने का प्रस्ताव है.

इसके अलावा लगातार तीन आरडीसी बैठको में अनुपस्थित अथवा असंतोषजनक प्रगति वाले शोधर्थियों का पंजीकरण रद्द किया जायेगा. प्रत्येक शैक्षिक वर्ष में पीएचडी छात्रों को भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. महिला शोधार्थियों को 240 दिनों का मातृत्व अवकाश एक बार में देय (240 days maternity leave for women researchers) होगा. साथ ही ऐसे महिला शोधार्थियों पीएचडी थीसिस जमा करने के लिए निर्धारित अधिकतम सीमा में एक वर्ष की छूट अनुमन्य होगी.


पीएचडी आर्डिनेंस के प्रमुख प्रस्तावित बदलाव:प्रथम श्रेणी में पास बीटेक-एमसीए धारी छात्रों को सीधे पीएचडी के लिए प्रवेश मिल सकेगा. लेकिन प्रवेश की औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी. इसमें पहला एमटेक की प्रवेश पीरक्षा सीयूईटी व गेट के माध्यम से लेना होगा. वहीं दूसरी नंबर पर एक वर्ष निर्धारित कोर्स वर्क पूरा करने के उपरांत निर्धारित ग्रेड प्राप्त करने पर पीएचडी में माइग्रेट करने का अवसर प्रदान किया जायेगा. अन्यथा कि स्थिति में एम टेक निर्धारित आर्डिनेंस के अनुसार चलता रहेगा.

इसके अलावा पीएचडी में माइग्रेट करने पर पीएचडी आर्डिनेंस की प्रभावी व्यवस्था लागू रहेगी. कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय ने बताया कि पीएचडी ऑर्डिनेंस में बदलाव को लेकर पूर्व कुलपति की ओर से समिति बनी थी. उस समिति की ओर से दिये गये सभी सुझावों पर एकेडमिक काउंसिल की बैठक में चर्चा की जायेगी. उसके बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा.

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