लखनऊ :राजधानी में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को लखनऊ में 9 और लोगों को डेंगू ने जकड़ लिया. इन मरीजों का सरकारी और निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं बीते सोमवार को राजधानी में 12 डेंगू के मरीज मिले थे. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को डेंगू का भय सता रहा है. गर्भवती महिलाओं को डेंगू से काफी सतर्क रहने की जरूरत है.
गर्भवावस्था के दौरान महिलाओं को डेंगू की बीमारी से दूर रखने के लिए ईटीवी भारत ने क्वीन मैरी महिला अस्पताल की डॉ. रेखा सचान से बातचीत की. डॉ. रेखा सचान ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए गर्भवती महिलाएं घर में रहें और घर का वातावरण साफ-सुथरा होना चाहिए. डॉ. रेखा सचान का कहना है कि डेंगू के बचने के लिए मच्छरों का खासा ध्यान रखने की जरूरत है, मच्छर बिल्कुल नहीं लगना चाहिए.
घरों में जमा पानी में डेंगू का लार्वा पनपता है इसलिए कूलर, फ्रिज व अन्य बर्तनों में पानी का जमाव नहीं होना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को बहुत सावधानी रखने की जरूरत है. यदि गर्भवती महिला को डेंगू हो जाता है, तो इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. डेंगू मरीज के ब्लड में प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है.
डॉ. रेखा सचान बतातीं हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 1 लाख 50 हजार से लेकर 4 लाख तक प्लेटलेट्स होती हैं. मनुष्य के शरीर में यदि किसी कारण से प्लेटलेट्स घटकर 50 हजार तक हो जाएं, तो चिंता की बात नहीं है. यदि प्लेटलेट्स 50 हजार के कम हो जाएं तो रक्तस्त्राव होता है. डेंगू के मरीज में प्लेटलेट्स की संख्या 10 से 20 हजार तक पहुंच जाए, तो यह इमरजेंसी की स्थिति है. डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टायफस, टायफॉइड जैसे रोग एवं नियमित रूप से दर्द निवारक दवाएं लेने से भी प्लेटलेट्स घटने लगती हैं.
गर्भवती महिलाएं रखें सेहत का ख्याल
इन दिनों प्रदेश भर में डेंगू का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सुरक्षित रहने की आवश्यकता है. राजधानी स्थिति क्वीन मैरी महिला अस्पताल की डॉ. रेखा सचान ने महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए कुछ सुझाव दिए. डॉ. रेखा सचान बतातीं हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान यदि किसी महिला को डेंगू हो जाता है, तो उसे कुछ केमिकल कंपोजिशन का सेवन करने से बचना चाहिए. इनमें इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और डाइक्लोफेनाक सोडियम शामिल है. इस अवस्था में महिलाओं को ज्यादा ये ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए. इसमें ओआरएस, नारियल पानी, कांजी, जूस आदि का सेवन करना चाहिए.
इसके अलावा महिलाओं को घर का बना सादा भोजन करना चाहिए और दिन में कम से कम 2.5 लीटर पीना चाहिए. डॉ. रेखा सचान ने बताया कि डेंगू से ग्रसित गर्भवती महिलाओं को स्तनपान नहीं कराना चाहिए. यदि कोई महिला डिलेवरी होने के समय भी डेंगू से पीड़ित है. ऐसी स्थिति में महिलाएं डॉक्टर्स से सलाह लें. डिलेवरी होने के बाद महिला डेंगू से संक्रमित है तो, बेबी को फीड न कराएं. ऐसी सिचुएशन में बच्चे की शारीरिक क्षमता पर असर पड़ता है.
डेंगू से ऐसे रहें बरतें सावधानी
- मच्छरों से बचने के लिए घर के दरवाजों और खिड़कियों में लोहे की जाली लगवाएं.
- कोशिश करें कि फुल पैंट और फुल स्लीव वाले कपड़े पहनें.
- स्वच्छ जल पिएं, अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां पर पानी साफ-सुथरा नहीं आता है तो आप पानी को गुनगुना करके पिएं.
- प्रतिदिन 4 से 5 लीटर पानी पिएं, इससे शरीर में ग्लूकोज की कमी नहीं होगी.
- अनहाइजीनिक या स्ट्रीट फूड्स को नजरअंदाज करें. गंदे हाथों से बने और सड़क किनारे बने फूड्स अनहाइजीनिक होते हैं.
- मानसून या गर्मी में खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट रखकर आप वायरल जनित बीमारीयों को मात दे सकते हैं. नारियल पानी और जूस का सेवन करें.
- घर के आस-पास हमेशा सफाई रखें और पानी जमा न होने दें.
इसे पढ़ें- जनता की कमाई से बनी संपत्तियों की मोदी सरकार ने लगाई मेगा डिस्काउंट सेल: अजय माकन