लखनऊ: राजधानी का हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल महिलाओं का सबसे जाना-माना सरकारी अस्पताल है. झलकारी बाई अस्पताल में डाइट के लिए सरकार से 100 रूपए प्रति महिला की दर से साल भर का बजट मिलता है. ईटीवी भारत ने बुधवार को अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया, जहां अस्पतालों में साफ-सफाई देखने को मिली तो वहीं महिलाएं अस्पताल का खाना लेते हुए भी दिखाई दीं. गर्भवती महिलाओं का कहना है कि अस्पताल में व्यवस्था सही है और पौष्टिक खाना मिल रहा है. हालांकि यह मरीज पर निर्भर करता है कि वह अस्पताल का खाना खाएंगी या घर से मंगवाकर. जानकारी के मुताबिक अस्पताल की ओपीडी में लगभग 200 गर्भवती महिलाएं रोजाना आती है.
झलकारी बाई अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को मिल रहा पौष्टिक खाना
राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का खास ध्यान रखा जाता है. यहां सफाई व्यवस्था भी चाक-चौबंद थी. यहां रोजाना की डाइट में सुबह का हेल्दी नाश्ता, दोपहर का लंच और रात का पौष्टिक खाना होता है, साथ ही खाने में फल भी दिया जाता है.
डाइट में है तीन समय का भोजन
अस्पताल में प्रसूताओं को दो समय का भोजन और सुबह का नाश्ता मिलता है. सुबह 8 बजे नास्ते में एक दूध का पैकेट, ब्रेड और सीजनल फल दिया जाता है. इसके बाद दोपहर में 12 से 1 बजे के बीच लंच मिलता है. जिसमें दाल, सब्जी, रोटी और सलाद होता है. 7 बजे रात का खाना दिया जाता है. खाने की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण गर्भवती महिलाएं अस्पताल के खाने से परहेज नहीं करती है. अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला रमा ओझा ने बताया कि पहले घर से खाना आता था, लेकिन एक बार समय से घर से खाना नहीं आ पाया तो भूख लगने पर अस्पताल का खाना खाया. तब से वह अस्पताल का बना हुआ खाना ही खाती हैं. उन्हें यहां बने खाने का स्वाद घर जैसा ही लगता है.
अस्पताल में दिखाई दी साफ-सफाई
अस्पताल का निरीक्षण करने पर यहां साफ-सफाई दिखाई दी. समय-समय पर सफाई कर्मचारी पोंछा लगाते रहते हैं. यहां ओपीडी में रोजाना लगभग 200 गर्भवती महिलाएं अपना चेकअप कराने आती हैं. झलकारी बाई अस्पताल शुरुआत में 75 बेड का था, लेकिन ज्यादा प्रसूताओं की भर्ती होने के कारण दिक्कत होने लगी, जिसके बाद यहां बेड़ों की संख्या बढ़ाई गई और वर्तमान में यहां 150 बेड का अस्पताल बनाया है.
खाना बनाते वक्त पहन रखा था ग्लव्स
अस्पताल में खाना बना रही कर्मचारी ने अपने हाथों पर ग्लव्स पहन रखा था. साफ-सफाई और किचन स्वच्छ था, साथ में खाने की गुणवत्ता भी ठीक थी. अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि सरकार की योजनाओं के तहत 100 रूपए प्रति प्रसूता की दर से साल भर का बजट अस्पताल को मिलता है, जो अस्पताल प्रशासन भर्ती गर्भवती महिलाओं के डाइट पर खर्च करता है. रोजाना की डाइट में सुबह का हेल्दी नाश्ता, दोपहर का लंच और रात का पौष्टिक खाना होता है, साथ ही खाने में फल भी दिया जाता है.