लखनऊ: सरोजनीनगर में हरौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गेट के पास एक गर्भवती ने ऑटो रिक्शा में नवजात शिशु को जन्म दिया (woman gives birth to newborn in auto rickshaw). इसकी सूचना पाकर पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों ने करीब 3 घंटे बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरौनी के गेट पर ताला पड़ा हुआ था बताते हैं कि सरोजनीनगर के लतीफ नगर निवासी कैलाशपति अपनी गर्भवती बेटी रोशनी को प्रसव कराने के लिए गुरुवार शाम करीब 6 बजे ऑटो रिक्शा से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरौनी ले गई थी. लेकिन आरोप है कि अस्पताल पहुंचते ही वहां गेट में ताला बंद पड़ा मिला. कुछ देर में ही रोशनी ने वहीं पर ऑटो रिक्शा में ही एक नवजात शिशु को जन्म दे दिया. इस दौरान आशा बहू स्नेहलता भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला बंद होने के कारण कुछ न कर सकी. बल्कि उसने इसकी सूचना अस्पताल के वार्ड बॉय को दी.
रात करीब 9 बजे पहुंचे वार्ड बॉय ने आनन- फानन जच्चा बच्चा को अस्पताल में भर्ती किया. फिलहाल अस्पताल में भर्ती प्रसूता और उसका नवजात शिशु सुरक्षित हैं. वहीं इस घटना को लेकर क्षेत्र के लोगों में अस्पताल कर्मियों के प्रति काफी रोष व्याप्त है. उनका कहना है कि अस्पताल में डिलीवरी को लेकर पूरे 24 घंटे लगातार तीन महिला स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती रहती है, लेकिन इसके बावजूद वह ताला बंद कर यहां से गायब हो जाती हैं. उधर इस मामले में सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. अंशुमन श्रीवास्तव का कहना है कि रोशनी को उसके घर में ही प्रसव हुआ था.
आशा बहू उसे जबरदस्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने ले आई. उनका कहना है कि जिस स्टाफ नर्स की रात में ड्यूटी थी, उसकी तबीयत खराब होने के कारण वह अस्पताल नहीं गई. इस कारण रात में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर व्यवस्था उपलब्ध ना हो पाने को लेकर वहां एक पर्चा भी बाहर चश्पा कर दिया गया था कि किसी भी दिक्कत के लिए रात में मरीज को सरोजनीनगर सीएचसी ले जाएं, लेकिन इसके बावजूद आशा बहू और प्रसूता के परिजन वहीं भर्ती करने पर अड़े रहे. हालांकि बाद में उनके जबरदस्ती करने पर वार्ड बॉय भेज कर उसके माध्यम से अस्पताल में जच्चा बच्चा को भर्ती करा दिया गया.
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