लखनऊ:राजधानी के मलिहाबाद इलाके का नाम शायद ही कोई हो जो न जानता हो. मलिहाबाद का दशहरी आम देश ही नहीं दुनिया में भी प्रसिद्ध है. इस बार लॉकडाउन के चलते आम की खेती करने वाले किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ था. लेकिन, अक्सर देखा जाता है कि रोगों के कारण भी आम की फसलें चौपट हो जाती हैं. फसलों को रोगों से बचाने के लिए बागवानों को क्या उपाय करना चाहिए, इस बारे में कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
लखनऊ: आम बागवान अभी से करें तैयारी, पेड़ों को नहीं होगी कोई 'बीमारी' - आम की फसल को बीमारियों से ऐसे बचाएं
इस वर्ष कोरोना के चलते आम की खेती करने वाले किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल पाया था. लेकिन अक्सर फसलों में कुछ ऐसे रोग लग जाते हैं, जिससे किसानों की पूरी फसल चौपट हो जाती है. आम की अच्छी फसल के लिए किसानों के लिए यह जानकारी बेहत फायदेमंद है.
पहले से ही कर लें तैयारी
कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि अक्टूबर माह चल रहा है. इस समय हमें बागवान की अच्छे से गुड़ाई कर देनी चाहिए. प्रत्येक पौधे का थाला बना देना चाहिए. थाले का पेजिनेटर दो से ढाई मीटर से ज्यादा होना चाहिए. थाला पेड़ की ऊंचाई व एरिया की कवरिंग देखकर बनाना चाहिए. इस समय पौधे में गोबर की खाद, नाइट्रोजन फास्फोरस, डीएपी की कुछ मात्रा में और कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स डालने चाहिए. अच्छी फ्लावरिंग व गुणवत्ता युक्त फलों के लिए इन चीजों की बहुत आवश्यकता होती है.
लॉकडाउन के चलते नहीं पाए अच्छे रेट
कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि इस बार हम लोगों को फील्ड पर जाने के बाद यह जानकारी हो पाई. आम बागवानों को अच्छा रेट नहीं मिल पा रहा है. इस बार जब फसल तैयार हुई तो कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन लग गया था. इसके चलते किसानों को बाजार नहीं मिल पाया था. इस बार यह भी पता चला है कि फलों की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं थी.