लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में 10वीं और 12वीं की प्री बोर्ड परीक्षाएं सोमवार से शुरू होनी हैं. माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव के जारी परीक्षा कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में 16 जनवरी से 20 जनवरी के दौरान प्री बोर्ड की परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं. परिषद की ओर से प्री बोर्ड परीक्षा की जो समय सीमा निर्धारित की गई है. उससे गुरुजी का टेंशन बढ़ गया है. इसके अलावा 21 जनवरी से माध्यमिक विद्यालयों में दो चरणों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी होनी हैं. ऐसे में पांच दिनों में सात विषयों की परीक्षा कैसे हो, गुरुजी इसका तोड़ निकालने में जुटे हैं.
Pre Board Examination :माध्यमिक की प्री बोर्ड परीक्षाएं 16 से, 5 दिनों में 6 विषयों के होंगे एग्जाम - up board practical
यूपी बोर्ड की प्री बोर्ड परीक्षाओं (Pre Board Examination) की तारीखों से शिक्षकों की टेंशन बढ़ गई है. दरअसल माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 16 से 20 जनवरी के बीच परीक्षा कराने का फरमान जारी किया है. इसके बाद 21 जनवरी से प्रैक्टिकल एग्जाम शुरू होने हैं. ऐसे में पांच दिनों में छह-सात विषयों की परीक्षा कराना स्कूलों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
प्रधानाचार्यों का कहना है कि हाईस्कूल में छह अनिवार्य विषय होते हैं. हर दिन एक परीक्षा कराई जाती है. ऐसे में पांच दिनों में परीक्षा कराना कैसे संभव हो पाएगा. ऐसे 5 दिनों में 6 विषय की परीक्षा कराने के लिए स्कूल जुगत लगा रहे हैं. ऐसे में कई स्कूल एक हफ्ते में परीक्षा कराने की योजना बना रहे हैं. क्योंकि इसके तुरंत बाद बच्चों को प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी देनी हैं. कई शिक्षकों का कहना है कि छुट्टियों के कारण कई विद्यालयों में कोर्स पूरा नहीं हो पाया है. दिसंबर और जनवरी बोर्ड के लिहाज से सबसे कीमती समय होता है, जिसमें बचे हुए कोर्स के साथ बच्चों को रिवीजन भी कराया जाता है. ताकि उनकी तैयारी हो सके. बीते कुछ दिनों से ठंड के कारण विद्यालयों में छुट्टियां चल रही हैं. ऐसे में स्कूल तुरंत खोल कर परीक्षा कराना एक बड़ी चुनौती होगी.
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि दूसरे बोर्ड को देखते हुए आपाधापी में प्री बोर्ड की तारीखें जारी की गई हैं. हाईस्कूल में छह विषयों के साथ फिजिकल एजुकेशन, इंटरमीडिएट कृषि में छह विषय होते हैं. अगर हम कला विषयों की बात करें तो कॉम्बिनेशन में सात या आठ विषय एक स्कूल में हो जाते हैं. ऐसे में पांच दिनों में परीक्षा कराना संभव ही नहीं है. परीक्षा भी तीन घंटे की होती है, अगर एक दिन में दो परीक्षाएं कराएंगे तो भी एक बच्चा स्कूल में सात घंटे बिताएगा. ऐसे में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे वाला आदेश फॉलो नहीं होगा. ऐसे में परिषद को इस तरह की तारीखें जारी करने से पहले एक बार विचार करना चाहिए.
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