लखनऊ : एक पीसीएस अधिकारी को आईएएस बनने के लिए लगभग 15 वर्ष का समय लग जाता है. आसानी से समय पर डीपीसी होती है और प्रोन्नत कर आईएएस का सुख भोग लेते है. हालांकि प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) को आईपीएस बनने में दशकों लग जाते हैं. आखिर ऐसा क्यों है? क्यों आईपीएस को लंबी तपस्या करनी पड़ती है. उदाहरण के लिए 2004 से लेकर 2007 तक के बैच के पीसीएस अधिकारियों की डीपीसी की बैठक अगस्त महीने में प्रस्तावित है और आईएएस में पदोन्नति दी जाएगी, जबकि पीपीएस की बात करें, तो 1993-94 बैच के पीपीएस अफसरों की डीपीसी होनी है, जो काफी लेट प्रमोशन पा रहे हैं. जानकारों का कहना है कि रिक्तता के आधार पर प्रमोशन दिए जाते हैं.
दरअसल पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश में आईपीएस संवर्ग में कम पद रिक्त होने की वजह से पीपीएस अधिकारियों की प्रोन्नति की समस्या बनी हुई है. शासन और पुलिस के शीर्ष स्तर पर अनदेखी को ही पीपीएस संवर्ग के अधिकारी जिम्मेदार मानते हैं. अधिकारियों का कहना है कि गृह विभाग और पुलिस महानिदेशक मुख्यालय के स्तर पर ठीक ढंग से पैरवी नहीं होती जिसकी वजह से स्टेट सर्विसेज के जो पीपीएस अधिकारी हैं उन्हें 30-30 साल तक लंबा वेट करना पड़ता है. तब जाकर उन्हें आईपीएस एलॉट होता है. आईएएस संवर्ग मिलने में पीसीएस अधिकारियों को महज 15-16 वर्ष लगते हैं. ऐसे में पीपीएस संवर्ग कि जो अधिकारी हैं वह काफी निराश भी रहते हैं और इसकी वजह से जब विलंब से पीपीएस अधिकारियों का प्रमोशन होता है तो उन्हें मात्र 1-2 प्रमोशन ही मिल पाते हैं क्योंकि लंबे सेवाकाल पूरा करने के बाद उन्हें आईपीएस में प्रमोशन मिलता है.