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कोयले की किल्लत से जूझने लगे पावर प्लांट, आने वाले समय में आ सकता है बड़ा बिजली संकट - lucknow latest news in hindi

लखनऊ में पावर प्लांट अभी से कोयले की कमी से जूझने लगे है. बिजली विभाग ने कोयले की किल्लत को दूर करने के लिए कवायद भी शुरू कर दी है.

कोयले की किल्लत
कोयले की किल्लत

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Published : Apr 16, 2022, 5:49 PM IST

लखनऊ:यूपी में अभी से भीषण गर्मी कहर बरपा रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जून-जुलाई में क्या हाल होगा. उधर, बिजली विभाग के सामने कोयले के उपलब्धता का संकट पैदा होने लगा है. पावर प्लांट अभी से कोयले की किल्लत से जूझने लगे हैं. बताया जाता है कि कोयले की कमी के चलते पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है. इसके लिए बिजली विभाग को अभी से कोयले का स्टॉक जमा करने की नसीहतें दी जा रहीं हैं.

उधर, बिजली विभाग ने अभी से कोयले की किल्लत दूर करने के प्रयास शुरू कर दिए है. पिछले साल अक्टूबर माह में बिजली विभाग को कोयले का संकट झेलना पड़ा था. एनर्जी एक्सचेंज के तहत करीब 17 से लेकर 21 रुपये तक की बिजली खरीदी थी. अब फिर से कोयले का संकट गहराता नजर आ रहा है. कई प्लांटों में कोयले का स्टॉक कुछ ही दिन का बचा है. अगर पावर कॉरपोरेशन की तरफ से कोयले की कोई व्यवस्था नहीं की गई तो प्रदेश में उपभोक्ताओं को बिजली का संकट सहना पड़ सकता है.

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पारीछा और हरदुआगंज में कोयले की किल्लत:बुंदेलखंड के परीक्षा और हरदुआगंज इन दोनों प्लांट में कोयले का काफी कम स्टॉक बचा है. परीक्षा में सिर्फ तीन फीसद और हरदुआगंज में महज 13 फीसद कोयला रह गया है. परीक्षा में रोजाना बिजली के उत्पादन के लिए करीब 16 हजार टन कोयले की जरूरत पड़ती है. हरदुआगंज में रोजाना करीब 19 हजार टन कोयला चाहिए होता है. इन दोनों प्लांटों में कोयले की कमी की वजह से बिजली का उत्पादन कम हो गया है. वहीं, ललितपुर पावर प्लांट भी कोयले की किल्लत झेल रहा है. आगे अगर ऐसे ही हालत रहे तो दोनों पावर प्लांट बिजली उत्पादन करने में असमर्थ हो जाएंगे.

हरदुआगंज पावर प्लांट से करीब 1265 मेगावाट बिजली एक दिन में उत्पादित होती है. वहीं, परीक्षा से 1140 मेगावाट का उत्पादन हर रोज होता है. कुल मिलाकर दोनों पावर प्लांट से 2405 मेगावाट बिजली हर रोज उत्पादित की जाती है. वर्तमान में दोनों ही प्लांट पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. दोनों में ही कोयले की कमी है. यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री लगातार केंद्रीय कोयला मंत्री से संपर्क साधे हुए है. ऊर्जा मंत्री ने पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मुलाकात भी की थी. वहीं, बिजली विभाग से जुड़े अधिकारियों ने भी कोल इंडिया लिमिटेड के साथ संपर्क स्थापित किया हुआ है. बिजली विभाग बारिश से पहले कोयले की कमी को पूरा करने में जुट गया.

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