लखनऊ: बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों के नए-नए कारनामे हर रोज सुनने को मिलते हैं. अब एक मामला वृंदावन उपकेंद्र का सामने आया है. वृंदावन कॉलोनी के एक उपभोक्ता से 60000 रुपये वसूलकर उसके घर पर बिजली का फर्जी मीटर लगा दिया गया. उपभोक्ता ने जब थाने में जूनियर इंजीनियर, जेएसटी और लाइनमैन के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई तो कर्मचारी बिल के मद में 30 हजार रुपये जमा करके फर्जी मीटर उतार ले गए और दूसरा मीटर लगाकर वैध कनेक्शन जारी कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, वृंदावन डिवीजन के सेक्टर 9 बी उपकेंद्र के जूनियर इंजीनियर अरविंद कुमार और इसी उपकेंद्र में तैनात संविदा कर्मचारियों ने मिलकर उपभोक्ता के साथ ही धोखाधड़ी की. वृंदावन कॉलोनी के निवासी भारत प्रसाद ने पीजीआई थानाध्यक्ष को बीती पांच मई को एक शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि संविदा लाइनमैन शैलेश प्रकाश, जेएसटी नंदलाल और जेई अरविंद कुमार ने फर्जी मीटर लगाकर स्थायी विद्युत कनेक्शन जारी कर दिया. शैलेश ने 34,500 रुपये और 24,500 रुपये अलग-अलग लिए. शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की तो अधिकारी के साथ कर्मचारी भी सकते में आ गए.
अधिशासी अभियंता की तरफ से इस पूरे मामले की जांच एसडीओ को सौंप दी गई. अब सवाल यह उठता है कि जब उसी उपखंड अधिकारी के अधीन जूनियर इंजीनियर और लाइनमैन काम करते हैं तो भला न्याय की उम्मीद कोई कैसे कर पाएगा? उपभोक्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि थानाध्यक्ष ने केस दर्ज नहीं किया. पुलिस ने सिर्फ शिकायत पर कर्मचारी बिल के मद से 30,000 रुपये जमा करके फर्जी मीटर उतार लिया गया और दूसरा मीटर लगाकर कनेक्शन जारी कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले जूनियर इंजीनियर अरविंद कुमार 100 मीटर भूमिगत केबल बिना एस्टीमेट के ही बिछाने में फंस चुके हैं. निर्माणाधीन मकानों में परमानेंट कनेक्शन का खुलासा भी हुआ था, जिसकी जांच भी जारी है. बावजूद इसके जूनियर इंजीनियर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.