लखनऊ :राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भीषण गर्मी पड़ने के कारण बिजली की बड़ी किल्लत पैदा हो रही है. ग्रामीण इलाकों में तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है. एक या दो नहीं बल्कि सात से आठ घंटे तक बिजली गुल हो रही है. जिला मुख्यालयों को छोड़ दिया जाए तो तहसील और ग्रामीण इलाके बिजली के लिए तरस रहे हैं. बिजली के अभाव में उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है. कोयले की कमी से भी पावर प्लांट जूझ रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ आंधी के चलते कई इकाइयां क्षतिग्रस्त हो गईं हैं जिसके कारण बिजली आपूर्ति में और भी ज्यादा परेशानी आ रही है.
पिछले कई सालों से अप्रैल माह में बिजली की इतनी मांग कभी नहीं हुई. आपूर्ति के हिसाब से भी इतनी बिजली आपूर्ति भी नहीं की गई लेकिन अब संकट ज्यादा ही बढ़ गया है. लिहाजा, आपूर्ति बहाल रख पाना बिजली विभाग के लिए चुनौती साबित हो रही है. अप्रैल माह के शुरूआती दौर में जहां 19328 मेगावाट बिजली की मांग थी वह अब 2370 मेगावाट की बढ़ोत्तरी के साथ 21,698 मेगावाट हो गई है. पिछले तीन साल में इसी अवधि में अप्रैल 2021 को 19837 मेगावाट, अप्रैल 2020 में 17,176 मेगावाट व अप्रैल 2019 में 20,365 मेगावाट अधिकतम बिजली की मांग थी.
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