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दफ्तरों में बैठे रहे अफसर, Power Corporation के पास पहुंच गया 86% कंज्यूमर्स का रिकॉर्ड

बिजली विभाग (Power Corporation) के अधिकारी जमीन पर भी नहीं उतरे इसके बावजूद उनके पास प्रदेशभर के उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी आ गया. ऐसा नो योर कंजूमर को लेकर चलाए गए अभियान से संभव हो सका है.

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Published : Mar 9, 2023, 2:38 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 2:52 PM IST

Power Corporation के पास पहुंचा 86 फीसद कंज्यूमर्स का रिकॉर्ड.

लखनऊ : बिजली विभाग के अधिकारी जमीन पर भी नहीं उतरे और हवा में ही उनके पास प्रदेशभर के उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी आ गया. नो योर कंजूमर को लेकर चलाए गए अभियान से विभाग को कंज्यूमर की पूरी जानकारी मिल गई. ऊर्जा मंत्री का दावा है कि पाॅवर काॅरपोरेशन के सभी डिस्कॉम में चलाए गए अभियान में अब हमारे पास 86 फीसद उपभोक्ताओं का रिकॉर्ड आ गया है, जबकि हकीकत यही है कि अभी भी दूसरे उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों से संबंधित मैसेज दूसरे उपभोक्ताओं के मोबाइल पर ही जा रहे हैं. सीधा सवाल है कि विभागीय अधिकारी या कर्मचारी उपकेन्द्र से उपभोक्ता के घर नहीं गए और उपभोक्ता अपने घर से उपकेन्द्र नहीं आया तो केवाईसी हुई तो कैसे?

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने पिछले दिनों बिजली विभाग की केवाईसी योजना के तहत हुए डाटा अपडेट की उपलब्धि के बारे में बताया था. कहा था कि विद्युत विच्छेदन, बिल, शिकायतों के निस्तारण, विद्युत कटौती संबंधी जानकारी घर बैठे उपभोक्ताओं को मिल सके. इसे ध्यान में रखकर उपभोक्ता के मोबाईल नम्बर और ई-मेल आईडी अपडेट किए जाने के लिए एक फरवरी से 15 फरवरी तक 15 दिन का केवाईसी कार्यक्रम चलाया गया था. उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर, ई-मेल आईडी और वाट्सएप नम्बर प्राप्त किए गए और पाॅवर काॅरपोरेशन के बिलिंग सिस्टम में सभी उपभोक्ताओं का डेटा अपलोड किया गया.

Power Corporation के पास पहुंचा 86 फीसद कंज्यूमर्स का रिकॉर्ड.

ऊर्जा मंत्री ने बताया था कि 15 फरवरी से पहले पाॅवर काॅरपोरेशन के बिलिंग सिस्टम में 3.22 करोड़ उपभोक्ताओं में से मात्र 1.28 करोड़ (39.74 प्रतिशत) उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर ही उपलब्ध थे. अब अधिकारियों ने उपकेन्द्रों पर कैंप लगाकर और घर-घर जाकर उपभोक्ताओं से उनकी बिलिंग सिस्टम में पहचान स्वरूप मोबाइल नम्बर, ई-मेल आईडी अपडेट किए. इस पखवाड़े के अन्त तक 1.52 करोड और उपभोक्ताओं के डेटा को बिलिंग सिस्टम में अपडेट किया गया. जिससे अब 2.8 करोड़ (86.83 प्रतिशत) उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर, ई-मेल अपडेट हो गए हैं. सवाल यही है कि जब उपभोक्ता के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अपडेट हो गए हैं तो फिर भला कनेक्शन धारक उपभोक्ता के बिल का मैसेज दूसरे उपभोक्ता के पास कैसे पहुंच रहा है.

चारबाग निवासी त्रिलोकी नाथ मिश्रा के मोबाइल नंबर पर मैसेज आता है. जिसमें उन्हें एक लाख से ऊपर बिल बकाया होने की जानकारी मिलती है. मैसेज देखते ही परिवार वाले परेशान हो जाते हैं क्योंकि ऑलरेडी त्रिलोकी नाथ मिश्रा का पूरा बिल जमा है. जब मैसेज खोलकर सही से देखा जाता है तो पता चलता है कि यह किसी और उपभोक्ता का मैसेज है जिस पर बिजली का बिल बकाया है. इसी तरह लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में इसी तरह के दूसरे उपभोक्ता के मैसेज दूसरे के मोबाइल नंबर पर पहुंच रहे हैं. जिससे केवाईसी अभियान में हुई लापरवाही का पता चलता है.

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के अनुसार प्रदेश भर में एक फरवरी से 15 फरवरी तक विशेष तौर पर केवाईसी अभियान चलाया गया है. जिसमें करोड़ों नए उपभोक्ताओं ने अपने ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर अपडेट कराए हैं. उपकेंद्रों पर केवाईसी कैंप लगाए गए जिसमें उपभोक्ताओं ने नंबर अपडेट कराए. साथ ही अधिकारी और कर्मचारी भी लोगों के घर घर गए और डाटा कलेक्ट किया है. 86 परसेंट से ज्यादा उपभोक्ताओं का रिकॉर्ड अब बिजली विभाग के पास है. आगे भी यह अभियान चलता रहेगा और 100% उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अपडेट करना है. जिससे बिजली से संबंधित सारी जानकारी उनके पास पहुंच जाए.

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Last Updated : Mar 9, 2023, 2:52 PM IST

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