लखनऊ : जिन मीटर रीडरों को उपभोक्ताओं के घर जाकर बिल बनाने थे वे आराम से घर बैठकर मनमाने बिल बना रहे थे. इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज को मिली. उन्होंने पूरे मामले की जांच कराई और ऐसे 319 मीटर रीडरों को सेवा से बाहर कर दिया जो मनमाने बिल बना रहे थे. इसके अलावा 1809 मीटर रीडर रडार पर है जिन्हें सेवा से बाहर किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने ऐसे 319 मीटर रीडरों को सेवा से बाहर कर दिया है जो बिना मीटर रीडिंग के ही बिल बना रहे थे. जिन पर कार्रवाई की गई है उनमें पूर्वांचल के 154, माध्यांचल के 53, दक्षिणांचल के 92 और पश्चिमांचल के 10 मीटर रीडर शामिल हैं. उन्होंने वितरण कम्पनियों में कार्यरत बिलिंग एजेन्सियों के मुख्य नियन्त्रकों को भी चेतावनी दी है.
Power Corporation के 319 मीटर रीडरों की गई नौकरी, 1809 रडार पर, जानिए वजह - लखनऊ की खबर
उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन (Power Corporation) के चेयरमैन एम. देवराज ने मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने वाले 319 मीटर रीडरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके अलावा 1809 मीटर रीडरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
चेयरमैन एम. देवराज ने कहा कि बिलिंग एजेंसियों का कार्यों के प्रति लापरवाही मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के निर्देशों और उपभोक्ताओं की बिलिंग के विषय में निर्धारित मापदण्डों का खुला उल्लघंन है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. डिस्कॉम अधिकारियों ने प्रारम्भिक जांच में प्रथमदृष्टया 319 मीटर रीडर बिना रीडिंग के बिल वितरण के दोषी पाए गए. उन्होंने बिलिंग एजेन्सियों को भी सख्त चेतावनी दी है कि जो एजेन्सियां निर्धारित सेवा शर्तों के अनुरूप कार्य नहीं कर पाएंगी उनके विरुद्ध भी कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया है कि बिलिंग व्यवस्था की गहन समीक्षा के बाद अभी 1809 ऐसे मीटर रीडर और चिन्हित किए गए हैं. जिनकी सेवा समाप्ति पर विचार किया जा रहा है. अध्यक्ष ने बिलिंग एजेन्सियों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक उपभोक्ता को रीडिंग का सही बिल समय से मिले इसे हर हालत में सुनिश्चित किया जाए.
बता दें. पूर्वांचल क्षेत्र ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा का अपना क्षेत्र है. यहां पर ही केवाईसी अभियान चलाया गया, लेकिन इसमें पूर्वांचल क्षेत्र ही सबसे फिसड्डी साबित हुआ. इसका सीधा सा मतलब यह सामने आया कि यहां पर न बिलिंग ही सही हो रही है और न ही ऊर्जा मंत्री के निर्देशों को अधिकारी ही गंभीरता से ले रहे हैं. इसीलिए सबसे बड़ी कार्रवाई पूर्वांचल डिस्कॉम में ही की गई है.
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