लखनऊ : लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में बिजली के लिए हाय तौबा मची हुई है. कानून व्यवस्था के लिए बिजली चुनौती बन गई है. सभी जनपद के उपभोक्ता बिजली संकट से जूझ रहे हैं. उपकेंद्रों पर पहुंचकर लोग प्रदर्शन करने को मजबूर हैं और पुलिस सख्ती भी नहीं कर पा रही है. बिजली के लिए मची हाय तौबा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही ऊर्जा मंत्री समेत अधिकारियों की क्लास लगाई थी और विद्युत आपूर्ति दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद अब बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए पाॅवर काॅरपोरेशन ने सभी डिस्कॉम को एक-एक करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने शनिवार शाम उत्तर प्रदेश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था करने के लिए प्रदेश के सभी डिस्कॉम को एक-एक करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. उन्होंने कहा है कि इस पैसे से बिजली आपूर्ति बेहतर की जाए. पैसे की कमी नहीं है. गर्मी में बिजली संकट दूर करना प्राथमिकता होना चाहिए. उन्होंने बिजनेस प्लान के तहत विभिन्न आवश्यक कार्यों को करने के लिए यह धनराशि जारी की है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पूर्वांचल, पश्चिमांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को एक एक करोड़ रुपये भेजे गए हैं और उन्हें निर्देशित किया गया है कि तत्काल मुख्य अभियंताओं को यह राशि उपलब्ध कराकर आवश्यक उपकरणों को दुरुस्त करने का काम किया जाए, जिससे बिजली संकट से जनता को निजात दिलाई जा सके.
बिजली संकट पर हाय तौबा मचने के बाद जागा विभाग, सभी डिस्कॉम के लिए जारी किया बजट - बिजली विभाग को मिला बजट
यूपी में बिजली संकट गहराता जा रहा है, लेकिन इससे निपटने के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन और बजट नहीं है. इसी कमी को देखते हुए उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन की ओर से सभी डिस्कॉम को एक-एक करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
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बता दें, उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग 27 हजार 611 मेगावाट पहुंच चुकी है. जिसके चलते भीषण बिजली संकट पैदा हो गया है. प्रचंड गर्मी में बिजली की मांग बढ़ रही है. हर दिन पीक समय में यह मांग और भी ज्यादा बढ़ने लगती है. जिससे पाॅवर काॅरपोरेशन के सामने उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करा पाना चुनौती भरा साबित हो रहा है. शहरी इलाके ही बिजली संकट से त्राहिमाम कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में तो बिजली जाती है तो आने का नाम ही नहीं ले रही है.