लखनऊ:उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि पूर्वांचल के सभी जनपदों के वित्तीय पैरामीटर व तकनीकी पैरामीटर की विस्तृत रिपोर्ट पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक व निदेशक वित्त ने तलब की है. इससे पावर कार्पोरेशन की मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है. कहीं न कहीं गुपचुप तरीके से निजीकरण की तैयारी जरूर चल रही है.
उनका कहना है कि पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक ने पूर्वांचल में स्टोर की स्थिति, सबस्टेशनों की सूचना, फिक्स्ड रजिस्टर इन्वेंट्री सहित अनेकों सूचना मंगाई हैं. इसका सीधा तात्पर्य है कि दाल में कुछ काला है. निजीकरण की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पावर कार्पोरेशन शायद यह भूल गया है कि उसके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे. यह जनता के साथ धोखा है कि एक तरफ बिजली दर की प्रक्रिया चालू है और दूसरी तरफ इस प्रकार की कार्रवाई की तैयारी हो रही है. ये उपभोक्ता विरोधी कार्रवाई को दर्शाता है. पावर कार्पोरेशन को सबसे पहले नियामक आयोग के आदेशानुसार प्रदेश की जनता को यह बताना होगा कि निजीकरण जनता के हित में कैसे है ?