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मिट्टी के बर्तनों में बनेगा लजीज खाना, उंगलियां चाटता रह जाएगा खाने वाला - मिट्टी के कुकर

राजधानी लखनऊ में चारबाग के बाल संग्रहालय के मैदान में खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इस प्रदर्शनी में मिट्टी के बर्तन बिक रहे हैं, जिन पर आधुनिकता का रंग चढ़ा हुआ है. इन बर्तनों में मिट्टी के कुकर, कढ़ाई और डिजाइनर दीयों के साथ ही पानी की बोतलें लोगों को खूब आकर्षित कर रही हैं.

मिट्टी के बर्तन.
मिट्टी के बर्तन.

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Published : Oct 29, 2020, 10:29 PM IST

लखनऊ: पारंपरिक मिट्टी के बर्तन अब गुजरे जमाने के हो चले हैं, क्योंकि आज के समय में न तो बाजारों में इनकी मांग है और न कुम्हार ही उन बर्तनों को बनाना चाह रहे हैं. इसी वजह से अब मिट्टी के बर्तनों पर आधुनिकता का रंग चढ़ता दिख रहा है. मांग के अनुसार अब मिट्टी में क्रॉकरी जैसे बर्तन भी बनने लगे हैं, जो लोगों को बेहर रास आ रहे हैं. इन दिनों चारबाग के बाल संग्रहालय के मैदान में खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जहां पर मिट्टी के बने हुए आधुनिक बर्तनों की प्रदर्शनी भी लगी है. इन बर्तनों में मिट्टी के कुकर, कढ़ाई, डिजाइनर दीये और पानी की बोतलें लोगों को काफी आकर्षित कर रही हैं. वहीं मिट्टी के बर्तनों में सेहतमंद खाना भी तैयार होता है, जिसकी वजह से लोग अब इन बर्तनों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

मिट्टी के बर्तन.

मेटल के बर्तनों को दे रहे मात
यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि एल्युमीनियम के बर्तनों में पकाए हुए खाने से उसकी गुणवत्ता प्रभावित होती है, वहीं इन खाद्य पदार्थों को पकाने के बाद इनके 70 फीसदी पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं. इसी वजह से अब लोग मिट्टी के आधुनिक बर्तनों को खूब पसंद कर रहे हैं. मिट्टी के कुकर, कड़ाही और पानी की बोतल की मांग सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है. वहीं दीपावली का त्यौहार नजदीक आने पर इस बार मिट्टी के डिजाइनर दीयों की मांग बढ़ गई है. अब मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों ने अपने काम को आधुनिकता का रंग दे दिया है. दरअसल पिछली तीन पीढ़ियों से भागीरथ प्रजापति मिट्टी के बर्तनों का काम कर रहे हैं. वह झांसी से अपनी मिट्टी के बर्तनों को प्रदर्शनी में लेकर आए हैं, जो लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं.

ये हैं इन बर्तनों के दाम
मिट्टी के बर्तन मेटल के बने हुए बर्तनों को मात देने का काम कर रहे हैं. इन बर्तनों के दाम काफी कम हैं, लेकिन फायदे ज्यादा हैं. मिट्टी के बर्तन बनाने वाले भागीरथ प्रजापति बताते हैं कि वे झांसी से प्रदर्शनी में अपने आधुनिक बर्तनों को लेकर पहुंचे हैं, जिसमें मिट्टी का कुकर 900 रुपये, कढ़ाई 550 रुपये, तवा 120 रुपये, दाल हांडी 550 रुपये, थाली सेट 350 रुपये, चाय के कप 160 रुपये, केसरोल 250 रुपये और पानी की बोतल 120 रुपये में बिक रही है.

आकर्षण का केंद्र बने ये बर्तन
खादी प्रदर्शनी में दुकानें तो बहुत हैं, लेकिन मिट्टी के आधुनिक तरह के इन बर्तनों को देखने और खरीदने के लिए लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. ये बर्तन जहां दाम में काफी सस्ते हैं, वहीं इनमें पकने वाला खाना भी सेहत से भरपूर है. प्रदर्शनी में आए राकेश मिश्रा बताते हैं कि वे मिट्टी के बर्तन लेने आए हैं और ये बर्तन काफी अच्छे और सस्ते भी हैं. वहीं महिला कोमल मिट्टी के बर्तनों को देखकर काफी खुश हुईं. उन्होंने बताया कि वे इन बर्तनों को अपनी रसोई में जगह देना चाहती हैं, क्योंकि ये बर्तन काफी अच्छे हैं.

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