लखनऊ: कोरोना काल में डाक विभाग से खूब बिका गंगाजल, जानें क्यों
कोरोना काल में जहां सारा व्यापार चौपट हुआ, तो वहीं डाक विभाग से इस दौरान गंगाजल की जमकर बिक्री हुई. कई संशोंधनों के बाद गंगाजल के बारे में अध्ययन करने के बाद यह सामने आया कि कोरोना से वह लोग कम प्रभावित हैं, जो गंगाजल का उपयोग कर रहे हैं. इसके बाद से डाक विभाग ने बोतलों में भरकर 30 रुपये में गंगाजल बेचा, जिसका प्रयोग लोगों ने खूब किया.
गंगाजल
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Published : Oct 27, 2020, 10:46 PM IST
लखनऊ: कोरोना काल में जहां सारे व्यापार-धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, वहीं डाक विभाग से इस दौर में गंगाजल की खूब बिक्री हुई है. डाक विभाग अपने काउंटरों से गंगोत्री से लिया गया शुद्ध गंगाजल 250 एमएल की बोतलों में उपलब्ध करा रहा है. इसकी कीमत मात्र 30 रुपये रखी गई है. वहीं यह गंगाजल पूजा-पाठ से लेकर कोरोना से बचाव के लिए भी खूब प्रयोग में लाया जा रहा है.
गंगाजल को लेकर पिछले 2 महीनों में बीएचयू समेत कई रिसर्च हुए, जिसमें यह बात साबित हुई कि जो लोग नियमित गंगाजल का उपयोग कर रहे हैं वह लोग सबसे कम प्रभावित हुए हैं. इसी को देखते हुए गंगा जल की महत्ता और भी बढ़ गई. पूरे प्रदेश में बीते 6 महीने के अंदर 19863 बोतल गंगाजल बिका, जबकि इसी अवधि में पिछले साल केवल 11507 बोतले ही बिका था. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार गंगाजल की मांग दोगुनी हो गई.
गंगाजल पर स्पेशल रिपोर्ट.
कोरोना से बचाता है गंगाजलकोरोना से बचाव के लिए गंगाजल को लेकर बीएचयू से लेकर राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (निरी) के वैज्ञानिकों ने गंगाजल के बारे में अध्ययन किया. वहीं उनके अध्ययन में गंगाजल में बीमारी को खत्म करने वाले जीवनुभोजी वायरस की संख्या बहुत है. इसी के चलते लोगों के मन-मस्तिष्क पर भी गंगाजल को लेकर हुए शोध ने गहरा प्रभाव डाला. अब गंगाजल पूजा-पाठ तक ही नहीं, बल्कि इसका उपयोग कोरोनावायरस से बचाव के लिए भी खूब हो रहा है. इसी वजह से डाक विभाग के काउंटर से बिकने वाले गंगाजल की मांग में पूरे प्रदेश में काफी इजाफा हुआ है.प्रदेश में गंगाजल की बिक्री के आंकड़े
2019
2020
अप्रैल
470
157
मई
403
775
जून
871
1794
जुलाई
5371
11080
अगस्त
3863
3300
सितंबर
529
2757
टोटल- 11507 19863 बोतल
डाक विभाग के गंगाजल की सुविधा से हुआ फायदा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही डाक विभाग ने 2016 में लोगों तक गंगोत्री और ऋषिकेश से शुद्ध गंगाजल को पहुंचाने की सुविधा की शुरुआत की. अब डाक विभाग का यह प्रयास लोगों को काफी फायदा पहुंचा रहा है. जहां उन्हें घर बैठे अब गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री का शुद्ध गंगाजल मात्र 30 रुपये में उपलब्ध हो रहा है, जो उनकी पूजा-पाठ के प्रयोग से लेकर औषधि गुण होने के चलते कोरोनावायरस से बचाव कर रहा है. वहीं डाक विभाग की इस सेवा से लोगों को काफी फायदा हो रहा है.
लखनऊ और बनारस में ज्यादा गंगाजल की मांग राजधानी लखनऊ में गंगाजल की मांग मई से लेकर सितंबर महीने तक खूब रही. वहीं बनारस में गंगा नदी खुद मौजूद है, उसके बाद भी गंगोत्री के शुद्ध गंगाजल की मांग सबसे ज्यादा रही.
मई
जून
जुलाई
अगस्त
सितम्बर
लखनऊ
225
623
430
141
161
वाराणसी
129
204
4876
1127
1074
आगरा
119
257
1895
738
474
बरेली
116
196
2293
681
481
लखनऊ के मुख्य डाकघर में गंगाजल बिक्री इंचार्ज नीलम बताती हैं कि यह डाक विभाग की महत्वपूर्ण सेवा है, जिससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है. पहले लोगों को गंगाजल के लिए गंगा के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब डाक विभाग उन्हें घर बैठे गंगोत्री का शुद्ध गंगाजल उपलब्ध करा रहा है. वहीं इस बीच गंगाजल की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि गंगाजल अब पूजा-पाठ ही नहीं, बल्कि कोरोना वायरस से बचाव में भी काम आ रहा है.
गंगाजल लेने आए कुंवर बहादुर बताते हैं कि वह लगातार गंगाजल का उपयोग करते हैं. वहीं जब से सुना है कि गंगाजल से कोरोना से बचाव हो रहा है तो इसका उपयोग और बढ़ गया है. -कुंवर बहादुर, गंगा जल उपभोक्ता
पहले हर महीने में एक बोतल गंगा जल का उपयोग होता था, लेकिन जब से कोरोना से बचाव में इसका फायदा पता चला है, अब हर हफ्ते एक बोतल गंगा जल का उपयोग कर रहे हैं. -शिव नरेश गुप्ता, गंगा जल उपभोक्ता