लखनऊः केजीएमयू पोस्टमार्टम हाउस में तैनात पांच कर्मचारी गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव आ गए थे. इसके बावजूद अधिकारियों ने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की. नतीजतन शुक्रवार को नौ घंटे तक पोस्टमार्टम ठप रहा. लोग अपनों के शव के लिए रोते-बिलखते रहे. सूचना के बावजूद शाम पांच बजे तक अफसरों की नींद नहीं टूटी. तीमारदारों के हंगामे के बाद केजीएमयू प्रशासन ने सफाई कर्मचारियों भेजे, तब पोस्टमार्टम शुरू हुआ.
प्रतिदिन 15 से 20 100 का होता है पोस्टमार्टम
केजीएमयू के पोस्टमार्टम हाउस में रोजाना 15 से 20 शव का पोस्टमार्टम होता है. इस समय कोरोना पॉजिटिव शव भी पोस्टमार्टम हाउस के लिए भेजे जा रहे हैं. इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले घायलों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोरोना जांच कराई जाती है. ऐसे शव भी पोस्टमार्टम हाउस भेजे जाते हैं.
शव के लिए रोते रहे परिजन
बस्ती निवासी सरिता ने बताया कि सड़क हादसे में भाई घायल हो गया था, उसे ट्रॉमा सेंटर लगाया गया. इलाज के दौरान भाई की मौत हो गई. जांच में उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई. गुरुवार रात से पोस्टमार्टम के लिए परेशान हैं. शुक्रवार को शाम सात बजे शव मिला. इसी तरह गोंडा के सरोज शुक्ला की बेटे के निधन के बाद शव के लिए भटकना पड़ा.