लखनऊ: प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्वच्छ भारत अभियान का पाठ पढ़ाते हैं, लेकिन जिम्मेदार अभियान की खूब धज्जियां उड़ा रहे हैं. राजधानी के सआदतगंज वार्ड में स्वच्छ भारत मिशन के सभी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. यहां नालियों में गंदा पानी और लोगों के घरों के सामने कूड़े का अंबार लगा हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कई बार इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस समस्या के संबंध में मेयर और विधायक को भी पत्र लिखा गया है.
40 साल से गंदगी का अंबार, नहीं सुनते 'जिम्मेदार'
राजधानी लखनऊ के सआदतगंज वार्ड में सफाई अभियान की पोल खुल गई है. नगर के इस वार्ड में फैले कूड़े के ढेर, अभियान की चरमराती दशा को उजागर कर रहे हैं. वार्ड में हर जगह गंदगी का अंबार लगा है. कहने के लिए तो सफाई का अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन यहां की सूरत जरा भी नहीं बदली.
समाजसेवी सौरभ शुक्ला बताते हैं कि वो इसी क्षेत्र के रहने हैं. यहां से निकला हुआ नाला हैदरगंज से होकर जाता है. बरसात में नाले का पानी लोगों के घरों के अंदर तक आ जाता है. स्थानीय निवासी सुनील का आरोप है कि खुद सफाईकर्मी बाहर का कूड़ा लाकर यहां डाल जाते हैं. कई दिनों तक कूड़े का अंबार लगा रहता है, जिससे उठने वाली दुर्गंध से लोग खासा परेशान हैं. इस समस्या को लेकर नगर निगम में लिखित शिकायत की गई है. अधिकारी निरीक्षण कर गए, लेकिन समस्या के निदान के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. स्थानीय निवासी त्रिशला जैन बताती हैं कि यह समस्या कई वर्षों से चली आ रही है. गंदगी की वजह से मच्छरों की भरमार है. वो लोग पैसे देकर कूड़ा उठवाते हैं.
पार्षद मोनू कनौजिया ने बताया कि पहले 78 सफाईकर्मी थे. वर्तमान में 74 कर्मी काम पर हैं. मानक के हिसाब से 10 हजार की जनता पर 27 सफाई कर्मी नियुक्त किए जाते हैं. पुराने नियम के हिसाब से उनके वार्ड में करीब 45,000 जनता रहती है. 74 कर्मचारी परमानेंट गली मोहल्ले में सफाई के लिए नहीं लग पाए हैं. सफाई कर्मचारियों की कमी की वजह से वार्ड में गंदगी बनी रहती है.