लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नदियों में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है नदियों में प्रदूषण रोकने के दावे भले ही प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड कर रहा है. बावजूद उसके प्रदेश की नदियों में फैक्ट्रियों व सीवरेज का पानी छोड़ा जा रहा है, जो इंसानों के साथ साथ जानवरों के लिए भी खतरा है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन जेपीएस राठौर का कहना है कि इन फैक्ट्रियों से नदियों में प्रदूषण पानी गिराया जा रहा था. उस पर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं और इसके साथ-साथ आम जनता को शुद्ध जल उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है. फैक्ट्रियों से गिरने वाले प्रदूषित जल पर रोक लगा दी है और किसी भी फैक्ट्री को प्रदूषित जल गिराने की अनुमति नहीं दी गई है. जिन फैक्ट्रियों से प्रदूषित जल नदियों में गिरता पाया जाएगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन जेपीएस राठौर का कहना है की नदियों में प्रदूषण रोकने के लिए एसटीपी लगाने की व्यवस्था की जा रही है और इस काम में अभी कुछ कमी रह गई है, लेकिन जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही जल निगम और नगर निगम द्वारा नदियों में छोड़े जा रहे सीवरेज को लेकर जुर्माना भी लगाया जा चुका है.
प्रदूषण पर काम करने वाली संस्था सी कार्बन के चेयरमैन बीपी श्रीवास्तव का कहना है कि नदियों को मां का दर्जा दिया गया है. और नदियां भरण पोषण करती हैं, लेकिन आज नदियों में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. भूगर्भ जल भी प्रदूषित हो रहा है. नगर निगम का सीवरेज नदियों में गिरता है और प्रदूषित जल में आर्सेनिक वटिन की मात्रा अधिक होती है, जो इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी घातक है. इससे कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है.