दूषित हवा और कोहरा बना रहा खतरनाक स्मॉग
यूपी की राजधानी लखनऊ में आजकल खतरनाक स्मॉग देखने को मिल रहा है. पर्यावरणविदों की मानें तो दूषित हवा और कोहरा मिलकर खतरनाक स्मॉग तैयार कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है.
लखनऊ: यूपी के कई जिलों में वायु प्रदूषण का कहर लगातार जारी है. शनिवार को कई जिलों की आबोहवा फिर खतरनाक हो गई. पर्यावरणविदों की मानें तो वायु प्रदूषण और कोहरा मिलकर खतरनाक स्मॉग बना रहे हैं. बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नोएडा की हवा सबसे ज्यादा जहरीली पाई गई थी. इन शहरों का एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया था. वहीं शनिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार आगरा का एक्यूआई 370, बुलंदशहर 432, फरीदाबाद 396, गाजियाबाद 412, ग्रेटर नोएडा 446, कानपुर 379, लखनऊ 343, मेरठ 374, मुरादाबाद 368, मुजफ्फरपुर 304, नोएडा 430 दर्ज किया गया.
वायु में धुएं और कोहरे से मिलकर बन रहा स्मॉग
पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं कि स्मॉग वायु प्रदूषण का ही एक प्रकार है, जो वायु में धुएं और कोहरे से मिलकर बनता है. स्मॉग में कोहरे धूल और वायु प्रदूषण जैसे कि नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, वाष्पशील कार्बनिक योगिक इत्यादि का एक हानिकारक मिश्रण होता है. इस धुंध के कारण सांस व फेफड़ों से संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं. इसमें खतरनाक और जानलेवा गैसें जैसे सल्फर डाईऑक्साइड, बेंजीन भारी मात्रा में पाई जाती है, जो कि इस स्मोक बनाती है, जिसके बाद स्मॉग बनता है. इस तरीके के इस स्मॉग बनाने वाले ज्यादातर कंपाउंड फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, फसलों और पराली को जलाने से और ऐसे कई पावर प्लांट से आते हैं, जहां यह खतरनाक गैसें नियमित रूप से इस्तेमाल होती हैं और रिलीज की जाती हैं.
बचने के लिए क्या करें
बीमार हों या स्वस्थ्य लोग हों. स्मॉग में बाहर न निकलें. अगर निकलना पड़े तो मास्क लगाकर निकलें. सुबह के वक्त काफी स्मॉग रहता है, इसलिए बेहतर होगा कि सुबह 5 से 6 बजे की बजाय धूप में निकले. 8 बजे टहलने जाएं. 8 साल से कम उम्र के बच्चे और 60 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन विशेष सावधानी बरतें.