लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पुलिस की लचर व्यवस्था व टरकाने की कला के चलते उन्नाव की एक और दलित बेटी को अपनी जान गंवानी पड़ी है. बीते दो महीनों से अपनी बेटी को ढूंढने के लिए थाने से लेकर कप्तान तक के चौखट पर माथा टेकने के बाद भी जब न्याय न मिला तो लखनऊ आकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की गाड़ी के सामने आत्महत्या का प्रयास किया था. मामला समाजवादी पार्टी के नेता से जुड़ा था. इसलिए सियासत भी हुई आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला और इस बीच कल लड़की की लाश को पुलिस ने समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्य मंत्री फतेहबहादुर के बेटे राजोल सिंह के प्लाट से बरामद किया है. पुलिस विभाग के निकम्मेपन ने एक मां से बेटी को दूर किया तो हुक्मरानों ने मोर्चा संभाल लिया है. घटना चुनाव के बीच हुई है और आरोप समाजवादी पार्टी पर लगा है तो सरकारी नुमाइंदों ने अखिलेश यादव को निशाने पर लिया है. भाजपा व बसपा ने अखिलेश को घेरा है तो कांग्रेस ने सरकार पर तीखे हमले कर रही है.
सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर हमलावर होते हुए कहा है कि अखिलेश यादव क्या यही नई सपा है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव से जब मृतका की मां गुहार लगा रही थी कि समाजवादी पार्टी के नेता के कारण उसकी बेटी गायब है तब अखिलेश यादव उस मां को अपने सुरक्षाकर्मियों से दूर हटवा रहे थे. सूबे के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वो पूछना चाहते हैं कि क्या यही नई सपा है. सपा का कोई नेता हो या उस नेता का बेटा, इस प्रकार का अपराध करे तो आप उसे संरक्षण देते हैं. ये नई सपा नहीं ये वही सपा है, जिसमें गुंडों को संरक्षण दिया जाता है.
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उन्नाव जिले में सपा नेता के खेत में दलित युवती का दफनाया हुआ शव बरामद होना अति दुखद व गंभीर मामला है. परिवार वाले पहले से ही उसके अपहरण व हत्या को लेकर सपा नेता पर शक कर रहे थे. राज्य सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दोषियों के खिलाफ तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई करे.