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चुनाव आयोग के समक्ष राजनैतिक दलों ने रखी निष्पक्ष चुनाव की मांग

लखनऊ में चुनाव आयोग की बैठक के दौरान सभी राजनैतिक दलों ने निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है. जिसको लेकर हर राजनैतिक दल ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

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Published : Feb 28, 2019, 12:37 PM IST

राजनैतिक दलों से बैठक करने लखनऊ पहुंचा चुनाव आयोग.

लखनऊ:केंद्रीय चुनाव आयोग ने योजना भवन में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मंडलों से और सुरक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ मुलाकात की. इस दौरान राजनैतिक दलों ने आयोग से निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग करते हुए अपनी अपनी राय रखी.

राजनैतिक दलों से बैठक करने लखनऊ पहुंचा चुनाव आयोग.
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आर एस कुशवाहा नेआयोग से निष्पक्ष चुनाव कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर अधिकारी गड़बड़ी करते हैं और चुनाव में व्यवधान उत्पन्न होता है. आयोग के समक्ष उन्होंने मांग रखी कि अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं ताकि स्थानीय स्तर पर कोई गड़बड़ी नहोने पाए.

वहीं सपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए सत्तारूढ़ दल खतरा बना हुआ है, इसलिए निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए निर्वाचन आयोग को व्यवस्था करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं है, लोगों में दहशत है. ऐसे में चुनाव कैसे संपन्न हो सकता है जबअधिकारियों के ऊपर सत्तारूढ़ दल का दबाव है.

चौधरी ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बार-बार बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है, लेकिन हमने फिर भी कहा कि लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी है और जनता का भरोसा ईवीएम पर नहीं है. लोगों को डर है कि चुनाव में ईवीएम के जरिए गड़बड़ी की जा सकती है, इसलिए लोग चुनाव आयोग को अतिरिक्त सचेत रहने की जरूरत पड़ेगी. आयोग ने सपा को निष्पक्ष चुनाव कराने का आश्वासन दिया है.

यूपी कांग्रेस के विधि विभाग के गंगा सिंह ने आयोग से मांग करते हुए कहा कि आमतौर पर मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी देखने को मिलती है, कई बार पिता की जगह किसी और का नाम होता है, पति की जगह किसी और का नाम,ऐसे में मतदाताओं को वोट डालने में काफी दिक्कत होती है. इसका आयोग को रास्ता निकालना चाहिए कि किसी भी मतदाता को मतदान किएबगैर वापस नहोना पड़े.

यूपी बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने कहा कि वीवीपैट की वजह से मतदान में समय थोड़ा अधिक लगता है.इस वजह से कम से कम एक घंटे का समय बढ़ाया जाना चाहिए, भाजपा ने इसकी आयोग के समक्ष मांग रखी है.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारी ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे आपातकाल लागू हो गया हो.उन्होंने आयोग से मांगी कि उनकी उनकी जिन मांगों पर आयोग सहमत हो चुका है, उसे करने देने में अधिकारी कोई परेशानी नखड़ी करें.

राजनैतिक दलों से मुलाकात के बादआयोग ने सुरक्षा विभाग के आलाधिकारियों के साथ मुलाकात करप्रदेश भर का फीडबैक लेते हुएसमीक्षा की.साथ ही उन्हें चुनाव के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. वहींप्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ मीटिंग कर चुनाव की तैयारियों का जायजा भी लिया जाएगा.

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