लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सभी दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया है. चुनाव के दौरान कई जिलों में विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के बीच छिटपुट झड़प और मारपीट की घटनाएं सामने आईं. ज्यादातर जगह ऐसा वर्चस्व पाने या पुराने राजनीतिक विवादों के चलते हुआ. कुछ जिले ऐसे हैं जिनका राजनीतिक विवादों से पुराना नाता रहा है और वह प्रदेश की सत्ता में धुरी की तरह काम करते हैं. इन जिलों ने समय-समय पर प्रदेश ही नहीं देश की राजनीति की दिशा बदलने का काम भी किया है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी इन विवादों का असर दिख सकता है. आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रमुख जिलों के विवादित राजनीतिक इतिहास के बारे में.
सुल्तानपुर में गांधी परिवार से चुनावी टकराव रहा था चर्चा में
गोमती नदी के किनारे बसे सुल्तानपुर का राजनीतिक इतिहास बेहद रोचक होने के साथ ही विवादित भी रहा है. यहां से गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का गहरा राजनीतिक जुड़ाव है. कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय सिंह का भाजपा नेत्री मेनका गांधी और वरुण गांधी के साथ चुनाव जीतने को लेकर लंबे समय तक टकराव रहा है. कई बार मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं. सुल्तानपुर में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं. यहां से सांसद भाजपा नेत्री मेनका गांधी का वेटनरी चिकित्सक के साथ अभद्र भाषा में बात करने का मामला सुर्खियों मे रहा है. वहीं, तीखे बयानों के लिए मेनका गांधी को चुनाव आयोग ने भी नोटिस जारी किया था. इन विवादों के बीच विधानसभा चुनाव के नतीजों में मेनका गांधी की तेज तर्रार नेता की छवि का असर दिखने की बात कही जा रही है.
लखनऊ में रीता बहुगुणा जोशी, आशुतोष टंडन विवाद
प्रदेश की राजधानी होने के नाते यह राजनीति का केंद्र भी है. हर बार यहां की पांचों विधानसभा सीटों को लेकर रस्साकसी देखने को मिलती है. सीएए और एनआरसी कानून को लेकर यहां पर मुस्लिम समेत अन्य समुदाय के कुछ लोंगों की ओर से विरोध-प्रदर्शन किए गए थे. इसमें शामिल रहे लोगों पर कार्रवाई करने के मामने काफी तूल पकड़ा था. लोंगों की तस्वीरों के सार्वजनिक की गई थीं और उनकी संपत्तियां सरकार ने जब्त की थीं. इस मामले में बीते दिनों कोर्ट ने सरकार के रवैये और एक्शन पर फटकार लगाई है. कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रहीं रीता बहुगुणा जोशी का भाजपा ज्वाइन करने और पार्टी में फूट डालने के चलते यह जिला विवादों में रहा. वहीं, कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन और उनकी बहू के बीच चल रहे विवाद के कारण भी यहां की सीटों के नतीजों में फर्क दिखने की संभावना है.