लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार अपना पांचवा बजट पेश करने जा रही है.योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश के माहौल को सुधारने की प्रतिबद्धता दिखाई थी. उनका कहना था कि यह उनकी प्राथमिकता है, क्योंकि बेहतर माहौल में ही विकास व निवेश की संभावना बनती है. इसके दृष्टिगत उन्होंने कई प्रभावी कदम उठाए. व्यवस्था में बदलाव भी किया गया. इससे विकास कार्यों का क्रियान्वयन तेज हुआ. साथ ही निवेशक भी उत्तर प्रदेश की तरफ आकर्षित होने लगे. अभूतपूर्व इन्वेस्टर समिट व उसके प्रस्तावों का शिलान्यास इसका प्रमाण माना जा सकता है.
निवेशकों को प्रोत्साहन
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पारदर्शी और व्यवस्थित नीतियां बनाई गई हैं, जिससे निवेशकों को निवेश में कोई समस्या न हो. प्रदेश सरकार द्वारा निवेशपरक और रोजगारपरक उद्यमों की स्थापना के साथ ही अधिक से अधिक फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) आकर्षित करने के प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासों से राज्य निवेशकों और उद्यमियों के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में सामने आया है. प्रदेश का नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी का क्षेत्र देश में निवेश का सर्वाधिक संभावना वाला क्षेत्र है. यहां पर निवेश के प्रस्ताव लगातार प्राप्त हो रहे हैं. नोएडा में डेटा सेंटर पार्क तथा देश की सबसे बड़ी डिस्प्ले यूनिट की स्थापना का कार्य तेजी से हो रहा है. जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना तथा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में फिल्म सिटी का विकास किया जा रहा है. वैश्विक महामारी के दौर में भी प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव आए. औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा उत्तर प्रदेश एक नया और आधुनिक स्वरूप ले रहा है. राज्य में बड़ी संख्या में देशी विदेशी कंपनियां निवेश के लिए उत्सुक हैं. राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई नीतियों तथा बनाए गए वातावरण से यह संभव हो रहा है. उत्तर प्रदेश ने दुनियाभर के उद्यमियों को आगे बढ़ने का अवसर उपलब्ध कराया है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास
योगी सरकार का इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर विशेष ध्यान रहा है. इस क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित हुए हैं. प्रदेश में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश परियोजनाएं सक्रिय रूप से संचालित हो रही हैं. एक्सप्रेस वे का जाल बिछ रहा है और एयर कनेक्टविटी के नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं. आईटी नीति के तहत निवेश और रोजगार के लक्ष्य समय से पहले ही पूरे हो गए हैं.
किसान कल्याण के कार्य
योगी सरकार ने किसानों के कल्याण की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए हैं. पिछली दोनों सरकारों ने दस वर्ष में जितनी गेहूं-धान की खरीद की थी, उससे अधिक खरीद योगी सरकार के साढ़े तीन वर्ष में हो गई है. एक लाख करोड़ रुपये से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ, जो अपने आप में रिकार्ड है. कृषि मंडी व्यवस्था में सुधार किया गया. किसानों के मोबाइल पर पर्ची आ जाती है. बहत्तर घंटे में भुगतान मिल जाता है. यह संभावना है कि बजट के माध्यम से कृषि मंडियों को आधुनिक बनाया जाएगा, जिससे किसानों को सुविधा मिलेगी.
स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी योगी सरकार का रिकार्ड बेहतरीन रहा है. स्वतंत्रता के बाद से योगी सरकार बनने से पूर्व तक प्रदेश में जितने मेडिकल कॉलेज थे, उससे अधिक इन साढ़े तीन वर्षों में बन रहे हैं. कई में तो ओपीडी व एडमिशन भी शुरू हो गए है. कोविड काल में यूपी ने जहां सर्वाधिक टेस्ट किएऔर बेड की व्यवस्था की, वहीं दूसरे प्रदेशों में फंसे चालीस लाख से अधिक उत्तर प्रदेश के लोगों की सुरक्षित घर वापसी कराई. उनके रोजगार व राशन की व्यवस्था की.
तीर्थाटन और पर्यटन का विकास
विगत साढ़े तीन वर्ष में पर्यटन व तीर्थाटन में भी अभूतपूर्व विकास हुआ है. यह संभावना है कि बजट में इस पर भी ध्यान दिया जाएगा. अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था. इसके पहले योगी आदित्यनाथ यहां भव्य दीपोत्सव का आयोजन कर रहे है. इससे तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ावा मिला है. योगी आदित्यनाथ अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयाग, विंध्य सहित सनातन आस्था के सभी केंद्र विकास व गौरव के नए आयामों से जोड़े जा रहे हैं. इन सभी को विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है.
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
योगी सरकार ने प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा में सुधार के लिए अनेक कारगर कदम उठाए हैं. बजट में इस पर प्रस्ताव हो सकते हैं. इनके माध्यम से शिक्षा के व्यापक प्रसार, गुणवत्ता और ढांचागत सुविधाओं का विस्तार किया गया. विगत वर्ष दिन में अट्ठाइस निजी विश्वविद्यालयों को अनुमति देने का निर्णय किया गया था. अब इसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित हो गया. मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में आयोजित कार्यक्रम में इसके मद्देनजर औपचारिकता पूरी की गईं. योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया था कि सरकार अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करेगी, लेकिन इन विश्वविद्यालयों को राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों के संचालन के लिए प्रचलित अधिनियम परिनियम,अध्यादेशों और रेगुलेशन के प्राविधानों का अनुपालन करना होगा. इसी के साथ उन्होंने इनकी जिम्मेदारी भी बताई.
योगी ने कहा था कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए स्वस्थ प्रतिद्वंदिता होनी चाहिए. शोध को बढ़ावा के साथ विश्व के शीर्ष सौ विश्वविद्यालयों के नॉलेज पार्टनर बनना चाहिए. इसके लिए परस्पर एमओयू साइन होने चाहिए. अन्य देशों में रहने वाले भारतीय डायस्पोरा को भी नाॅलेज पार्टनर बनाने का प्रयास करना चाहिए. इन सभी प्रयासों से सरकार उत्तर प्रदेश में शिक्षा का व्यापक प्रसार करना चाहती है. राज्य सरकार द्वारा प्रख्यापित इस अधिनियम से अब प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालय स्थापित किए जा सकेंगे. प्रायमरी स्कूलों के बच्चों को ड्रेस जूते मोजे, स्वेटर प्रदान किए जा रहे हैं. विद्यालय भवनों का कायाकल्प किया जा रहा है. बजट के माध्यम से इसको आगे बढ़ाया जा सकता है.
ODOP और व्यापार सुगमता
ओडीओपी योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना रही है. पिछले साढ़े तीन वर्ष में यह कारगर रूप से आगे बढ़ रही है. एक जिला एक उत्पाद की धूमिल हो चुकी विरासत को नई पहचान मिल रही है. अब तो इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और मान्यता मिली है. केंद्रीय बजट के अनुसार अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा रहा है.
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाली अनेक योजनाएं शुरू की हैं. एक जिला एक उत्पाद ओडीओपी उन्ही में से एक रही है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इसकी आधारशिला रखी थी, जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे लांच किया था. व्यापार सुगमता की सूची में उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है. सुधार में सिंगल विंडो पोर्टल भूमि की उपलब्धता और आवंटन, कर भुगतान प्रणाली, पारदर्शी सूचनाएं आदि कार्य शामिल हैं.