लखनऊ : काकोरी थाना क्षेत्र (Murder in broad daylight in Kakori) स्थित कस्बा में दिन दहाड़े पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) राम जीवन चौधरी की हत्या (Murder of Ram Jeevan Chowdhary) चुनावी रंजिश के कारण की गई थी. गांव के ही पूर्व प्रधान शमशेर यादव उर्फ शिवा ने साथियों संग मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस मामले में फरार चल रहे आरोपी रिंकू, माइकल और जितेंद्र ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने तीनों को रिमांड (1 जनवरी 2023) पर लाकर पूछताछ के बाद मंगलवार को जेल भेज दिया.
पूर्व बीडीसी के हत्यारोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने भेजा जेल, कोर्ट में किया था सरेंडर
काकोरी थाना क्षेत्र के गुरुदीन खेड़ा गांव में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य के तीन हत्यारोपियों को पुलिस ने पूछताछ के बाद मंगलवार को जेल भेज दिया. वारदात के बाद हत्यारोपियों ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर इन्हें रिमांड (1 जनवरी 2023) पर लाई थी.
पुलिस के अनुसार गुरुदीन खेड़ा गांव (Murder in Gurdin Kheda) निवासी राम जीवन चौधरी (55) की गांव के ही पूर्व प्रधान शमशेर यादव से चुनावी रंजिश चल रही थी. जिसे लेकर दोनों पक्षों में कई बार विवाद भी हुआ. साथ ही जमीन विवाद भी चल रहा था. गांव में होने वाले चुनाव में रामजीवन शमशेर का शुरू से विरोध करता था. इसके कारण शमशेर ने रामजीवन को अपने रास्ते से हटाने का प्लान अपने चारों साथियों के साथ मिलकर बनाया. हत्या वाले दिन (3 दिसंबर 2022) रिंकू सुबह से ही रामजीवन की रेकी कर रहा था. देर शाम रामजीवन काम खत्म करके घर वापस आ रहा था. इसी दौरान पांचों ने काकोरी (murder in kakori) कस्बे के अंदर पहुंचते ही गाेली मार दी. सबसे पहली गोली पूर्व प्रधान शमशेर ने चलाई थी. शमशेर को पहले ही जेल भेज दिया गया था. इस मामले में आरोपी शिवा, रिंकू, माइकल और जितेंद्र फरार चल रहे थे.
एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा (ADCP West Chiranjeev Nath Sinha) ने बताया कि पूर्व बीडीसी रामजीवन की हत्या (Murder of former BDC Ramjeevan) में फरार चल रहे 3 हत्यारों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था. न्यायालय के आदेश के क्रम में हत्यारोपी जितेंद्र, रिंकू, मुन्ना माइकल उर्फ अफजाल का पुलिस कस्टडी रिमांड प्राप्त किया गया था. आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया 315 बोर का तमंचा समेत अन्य साक्ष्य बरामद कर उनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर जेल भेज दिया गया.
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