लखनऊः सालों से गायब बच्चों को जमीन निगल गई या आसमान खा गया. इस बात का जवाब यहां की पुलिस के पास भी नहीं है. दरअसल राजधानी में करीब 12 से ज्यादा बच्चे सालों से लापता हैं. उनके परिजन अपनी हर कोशिश कर पुलिस के पास गये. लेकिन उनसे भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. आज भी दरवाजे पर होने वाली आहट उनको ये उम्मीद देती है कि शायद उनके जिगर का टुकड़ा वापस आ गया. सालों से परिजन थानों से लेकर अफसरों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. उधर, पुलिस भी बच्चों की तलाश के लिए शुरूआती हाथ-पैर मारने के बाद अब बेपरवाह हो गयी है.
लापता बच्चों की तलाश में पुलिस का सर्च ऑपरेशन, सर्कल ऑफिसर करेंगे मॉनिटरिंग
राजधानी में कई बच्चे सालों से लापता हैं. परिजन पुलिस के सर्च ऑपरेशन पर टकटकी लगाये हैं कि कब उनके आंखों के तारे की ख़बर आयेगी. लेकिन अभी तक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है.
मुख्यालय से आदेश पर सभी जिलों में खाकी हुई सक्रिय
दरअसल, सालों से गुमशुदा बच्चों की तलाश में शासन ने सख्त रवैया अपनाया है. शासन ने पूरे प्रदेश में सर्च ऑपरेशन चलाकर गुमशुदा बच्चों की तलाश के आदेश दिए हैं. गस्ती जारी करने के साथ ही मंडल के अलावा यूपी और पड़ोसी राज्यों के नजदीकी थानों पर गुमशुदा बच्चों की फोटो भेजने के आदेश दिए हैं. राजधानी लखनऊ में करीब 12 से ज्यादा बच्चे आज भी लापता हैं. कोई 5 तो कोई साल साल भर पहले अपने परिजनों से बिछड़ गये थे. कई दिनों तक बच्चों की तलाश करने के बाद जब परिजन थक-हार गए, तो उन्होंने संबंधित थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
सर्च ऑपरेशन की क्षेत्र के सर्कल ऑफिसर करेंगे मॉनिटरिंग
आपको बता दें कि, परिजनों की ओर से बच्चों की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने शुरुआती हाथ-पैर मारे, लेकिन उसके बाद शांत बैठ गए. पुलिस मुख्यालय से गस्ती जारी करने के साथ ही मंडल के अलावा दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड के थानों से भी संपर्क किया. लेकिन जब कोई सुराग नहीं लगा तो कुछ दिन बाद पुलिसकर्मी शांत हो गए. हालांकि यदा-कदा शासन स्तर पर शक्ति होने पर पुलिसकर्मी फिर गस्ती जारी कर देते हैं. इस मामले में विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि शासनादेश के बाद पूरे जिलों में सालों से गुमशुदा चल रहे बच्चों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा. इसकी मॉनिटरिंग क्षेत्र के सर्किल ऑफिसर करेंगे.