लखनऊ:उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े हैं. इन पर भर्ती की मांग को लेकर मंगलवार सुबह बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ.सतीश द्विवेदी (basic education minister dr satish dwivedi) के आवास पर अभ्यर्थी धरना (protest) देने पहुंचे. शांतिपूर्वक धरने पर बैठे इन अभ्यर्थियों को हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया है. आरोप है कि, पुलिसकर्मियों ने उनके साथ गाली गलौज और धक्का-मुक्की की गई. जिसके बाद भी जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया. बता दें, इन अभ्यर्थियों ने सोमवार को भी मुख्यमंत्री आवास और बीजेपी कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया था.
अभ्यर्थियों का कहना है कि है शिक्षक भर्ती की मांग पिछले 2 सालों से की जा रही है, फिर भी सरकार का ध्यान 15 लाख प्रशिक्षितों पर नहीं जा रहा. डीएलएड, बीटीसी, बीएड के लाखों प्रशिक्षित नई शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे हैं.
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि वह लोग 10 बजे से बेसिक मंत्री के आवास के बाहर धरने पर बैठे थे. वह लोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, पुलिस बल ने उन्हें हटाने का प्रयास किया. जब वह नहीं माने तो पुलिस की तरफ से जोर-जबदस्ती शुरू हो गई. आरोप है कि पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए गाली गलौज की.
विवादों के चलते फंसी भर्ती प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए चल रही 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया भी विवादों के चलते फंसी हुई है. इस भर्ती के लिए तीसरे चरण की काउंसलिंग की प्रक्रिया 28 जून को पूरी हो गई, लेकिन अभी तक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं बांटे गए हैं. इसके अलावा आरक्षण के नियमों की अनदेखी किए जाने और आवेदन के दौरान कई मामूली गलतियों को आधार बनाकर अभ्यर्थियों को गलत तरीके से प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है. इन सब मुद्दों पर अभ्यर्थी पिछले काफी समय से विरोध कर रहे हैं.
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