लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने शनिवार को पुलिस स्मृति दिवस के कार्यक्रम में अपने जीवन का बलिदान करने वाले पुलिसकर्मियों को याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी. पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था स्थापित करने में पुलिस की भूमिका और योगदान का उल्लेख किया. सीएम ने कार्यक्रम में उन सभी पुलिसकार्मिकों को विनम्र श्रद्धांजलि दी जो कर्तव्य का पालन करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देकर अमर हो गए. उन्होंने कहा कि 'यूपी में आज जो कानून का राज स्थापित हुआ है उसमें पुलिसकर्मियों का बड़ा योगदान है. उन्होंने प्रदेश सरकार की तरफ से पुलिस विभाग के लिए की गई घोषणाओं का जिक्र किया.'
इस मौके पर उन्होंने कहा कि 'एक लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी गई है. साथ ही पुलिस के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है. प्रदेश में कड़ी पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाई गई है. आज अपराधी या तो जेल में हैं या मारे गए हैं. प्रदेश के छह जिलों में नारकोटिक्स के थाने बनाए गए हैं. इस दौरान कई मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से पुलिसकर्मियों के मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति दी गई है. उनकी बहादुरी के लिए गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर पदक देकर सम्मानित किया गया है.
इसलिए मनाया जाता पुलिस स्मृति दिवस :किसी भी देश के लिए पुलिस फोर्स काफी जरूरी होती है. जुर्म से बचाने और पापियों को उनके कर्म की सजा देने के लिए और उस क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का काफी ज्यादा सहयोग होता है. 21 अक्टूबर को हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. यह स्मृति दिवस पूरे भारत की पुलिस के लिए मनाया जाता है. 21 अक्टूबर का दिन उन दस पुलिसवालों को समर्पित है जो 1959 में भारत चीन की सीमा पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे. इस दिन पुलिस में सेवा करने के दौरान शहीद होने वाले कर्मचारियों को याद किया जाता है. इस दिन का इतिहास है कि 20 अक्टूबर 1959 को उत्तर-पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स की जगह पर तीन पुलिस के दलों को तैनात किया गया था, जो भारतीय अभियान को आगे बढ़ने की तैयारी में था. यह दल रास्ते में था. इस दिन दो दलों के सदस्य उस दिन दोपहर को हॉट स्प्रिंग्स में लौट आए, लेकिन तीसरे दल में दो पुलिस कांस्टेबल और एक कमांडर शामिल थे वे वापस नहीं आए.
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