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पशुधन विभाग घोटाला: आरोपियों के संपर्क में आए अधिकारियों की पहचान में जुटी पुलिस

पशुधन विभाग में घोटाले के बाद पुलिस की ओर से विभिन्न पहलुओं को लेकर जांच तेज कर दी गई है. पुलिस ने इस घोटाले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के संपर्क में आने वाले लोगों की जांच शुरू कर दी है.

पशुधन विभाग
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Published : Jun 17, 2020, 10:21 PM IST

लखनऊ: पशुधन विभाग में उजागर हुए घोटाले के बाद अब पुलिस गिरफ्तार किए गए आरोपियों के संपर्क में रहने वाले अधिकारी की पहचान करने में जुटी है. पशुधन विभाग में हुए घोटाले में शामिल तथाकथित पत्रकार आशीष राय की कॉल डिटेल निकाली गई है, जिससे यह पता किया जा रहा है कि आशीष राय किन अधिकारियों के संपर्क में था.

पुलिस की नजर आशीष राय के पास से बरामद हुई गाड़ी पर भी है, जो कि किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड है. ऐसा बताया जा रहा है कि जो गाड़ी आशीष राय के पास से बरामद हुई है, वह एक अधिकारी की पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड है. पुलिस गाड़ी के कनेक्शन को भी जोड़कर जांच कर रही है. दूसरी ओर आरोपी एके राजीव के संपर्क में भी आने वाले कई अधिकारियों के संदर्भ में जानकारी जुटाई जा रही है.

पुलिस को उस आईएएस अधिकारी की भी तलाश है, जिसका नाम लेकर आशीष राय ने ठगी की घटना को अंजाम दिया था. आशीष राय ने अपने आपको आईएएस अधिकारी एके मित्तल बताया था, जबकि सचिवालय में इस नाम से कोई अधिकारी तैनात ही नहीं है.

पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजों ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपए की ठगी कर डाली. ठगी को अंजाम देने वाले जालसाज आशीष राय ने व्यापारी से खुद को विभाग का निदेशक एके मित्तल बताकर ठगी को अंजाम दिया. एके मित्तल बने आशीष राय ने व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपए लिए, जिसके बदले में ठेका दिलाने का वादा किया गया था. लेकिन जालसाजी में 9 करोड़ रुपए हजम कर लिए गए. इसके बाद व्यापारी मनजीत सिंह की तहरीर पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

व्यापारी मनजीत सिंह का कहना है कि इस ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तथाकथित पत्रकार संतोष मिश्रा, राजीव, अनिल राय ने साजिश रची थी. संतोष मिश्रा ने ही आशीष को एसके मित्तल बनाकर व्यापारी मनजीत सिंह के सामने पेश किया था.

व्यापारी मनजीत सिंह ने बताया कि यह साजिश 2018 में रची गई थी. ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ लिए गए. लंबे समय से पीड़ित पैसे वापस करने की बात कह रहा है, लेकिन उसे पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं. इसके बाद पीड़ित मनजीत सिंह ने 11 लोगों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है.

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