लखनऊ: सूबे की राजधानी लखनऊ के बारा बिरवा चौराहे के पास कैब चालक की पिटाई करने की आरोपी युवती प्रियदर्शिनी की मुश्किलें बढ़ीं, लेकिन गिरफ्तारी अटक गई है. वजह, आरोपी युवती के खिलाफ सिर्फ मारपीट और धमकी देने की धारा में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई है. युवती पर लूट का आरोप सही नहीं पाया गया. लिहाजा, मुकदमे से लूट की धारा हटा दी गई. जिन धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई, इन सभी धाराओं में सात साल से कम की सजा होने के चलते नियमानुसार गिरफ्तारी नहीं हो सकती.
थप्पड़ का वीडियो हुआ वायरल
बता दें कि, 30 जुलाई की रात कृष्णानगर के बारा बिरवा चौराहे पर प्रियदर्शनी नारायण ने हिट करने का आरोप लगाते हुए कैब चालक सआदत अली को 22 थप्पड़ जड़े. ये वीडियो वायरल हो गया. हैरत की बात की पुलिस ने भी कैब चालक पर ही अपना गुस्सा उतारा और उसका चालान कर लॉकअप में डाल दिया. यही नहीं, पैरवी के लिए आए उसके भाई इनायत और साथी दाऊद को भी पकड़कर चालान कर दिया. भाई के परिचित एटा के एसडीएम की एसयूवी भी बंद कर दी. एसडीएम की सिफारिश पर कृष्णानगर पुलिस ने दस हजार घूस लेकर एसयूवी छोड़ी. घूस लेने का मामला खुलने पर फजीहत से बचने के लिए इंस्पेक्टर महेश दूबे और दारोगा हीरेन्द्र यादव भिड़ गए. बाद में पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने इंस्पेक्टर समेत दो दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया. पूरे मामले की विवेचना बंथरा इंस्पेक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह को सौंप दी.
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