लखनऊ: राजधानी में गुरुवार देर शाम 22000 अतिरिक्त शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं. अभ्यर्थी एससीईआरटी कार्यालय के अंदर धरना दे रहे थे. पुलिस प्रशासन देर शाम तक प्रदर्शनकारियों को कार्यालय के बाहर जाने के लिए मनाता रहा, लेकिन जब नहीं माने तो बल प्रयोग किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें बेरहमी से पीटा गया, इसके चलते कई के गंभीर चोटें आई हैं.
बता दें, उत्तर प्रदेश में बीते दिनों बेसिक परिषद के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में करीब 69000 सहायक शिक्षकों के पदों पर भर्ती की गई है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इसी भर्ती में 22000 अतिरिक्त पद जोड़ दिए जाए और उसमें आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया जाए. इस मांग को लेकर बीते 3 से 4 महीने से यह लगातार प्रदर्शन कर रहे. बीते दिनों कुछ प्रदर्शनकारी एससीईआरटी कार्यालय के पास बनी पानी की टंकी पर भी चढ़ गए थे. प्रदेश सरकार की तरफ से इनकी बात सुनने का आश्वासन दिया गया तब यह नीचे उतरे. इसके बाद भी कोई हल न निकल पाने के चलते इनका प्रदर्शन लगातार जारी रहा.
प्रदर्शनकारी गुरुवार की दोपहर को एससीईआरटी कार्यालय में घुस गए. इस दौरान इन्हें कई बार कार्यालय से बाहर जाने को कहा गया लेकिन यह नहीं मांगे. शाम को ऑफिस फोन बंद होने के समय के बावजूद यह बैठे रहे. कई घंटों की वार्ता विफल होने के बाद प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर जमकर लाठियां बरसाई. लाठीचार्ज के दौरान पुलिस ने कई अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया. अभ्यर्थियों का आरोप है कि लाठीचार्ज का कोई अभ्यर्थी वीडियो न बनाएं इसलिए पुलिसकर्मियों ने मोबाइल छीन लिए थे.
शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज
राजधानी लखनऊ में अतिरिक्त शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि लाठीचार्ज का कोई अभ्यर्थी वीडियो न बनाएं इसलिए पुलिसकर्मियों ने मोबाइल छीन लिए थे.
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प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पिछली भर्ती में ही 22000 अतिरिक्त पद जोड़कर इन्हें भर्ती पाने का मौका दिया जाए. पिछली भर्ती में ऊपर की मेरिट के ज्यादातर लोगों को नौकरी मिल चुकी है. ऐसे में कम मेरिट वालों को भी नौकरी पाने का मौका मिल जाएगा. वहीं सरकार की तरफ से इन पदों को अगली भर्ती प्रक्रिया में शामिल करके नए सिरे से आवेदन लिए जाने की तैयारी की जा रही है. इसके चलते पूरा मामला फंसा हुआ है.