लखनऊ:पशुपालन विभाग में टेंडर के नाम पर फर्जीवाड़े के आरोपों में डीआईजी अरविंद सेन का भी नाम शामिल है. इसके बाद शासन ने उन्हें उनके पद से निलंबित कर दिया था. साथ ही उनकी गिरफ्तारी के लिए इनाम भी घोषित किया था. भगोड़ा घोषित हुए आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन की संपत्ति को कुर्क करने की नोटिस चस्पा करने के बाद अब पुलिस उनकी चल और अचल संपत्ति को चिन्हित करने के प्रयास में जुट गई है. 2 दिन पहले ही डीआईजी अरविंद सिंह के गोमती नगर स्थित फ्लैट पर कुर्की का नोटिस चस्पा किया गया था और पुलिस ने डुगडुगी भी बजाई थी. अब पुलिस को उनकी अयोध्या और अंबेडकर नगर में कई चल और अचल संपत्तियों का पता चला है. करोड़ों रुपये की इस संपत्ति को पुलिस अब कुर्क करने की तैयारी में है. जनवरी माह में हजरतगंज पुलिस संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई कर सकती है. यह भी बताया जा रहा है कि कुर्की का नोटिस चस्पा होने के बाद फरार चल रहे डीआईजी अरविंद सेन कोर्ट में आत्मसमर्पण कर सकते हैं.
चल-अचल संपत्ति की तलाश में पुलिस
आरोपी डीआईजी अरविंद सेन की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी - पशुपालन विभाग में फर्जीवाड़ा
पशुपालन विभाग में टेंडर के नाम पर फर्जीवाड़े के आरोपों में फंसे डीआईजी अरविंद सेन की संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी पुलिस ने कर ली है. पुलिस ने उनकी कई संपत्तियों पर नोटिस चस्पा कर दिया है. पुलिस उनकी और संपत्तियों की तलाश कर रही है.
पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई के टेंडर के नाम पर इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह भाटिया से 9 करोड़ 72 लाख रुपये की ठगी की गई थी. इस ठगी में डीआईजी अरविंद सेन का भी नाम सामने आया था. इस मामले में नाम आने के बाद से आईपीएस अरविंद सेन फरार चल रहे हैं. पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित कर रखा है. साथ ही कोर्ट से कुर्की के आदेश के बाद उन्हें भगोड़ा घोषित करके उनके फ्लैट पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया है. हजरतगंज थाने की पुलिस ने अयोध्या और अंबेडकरनगर में उनकी कई चल और अचल संपत्तियों का पता लगाया है. पुलिस कुर्की के नोटिस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जनवरी में उनकी चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी में है.
ये था पूरा मामला
पशुपालन विभाग में टेंडर के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ था. इस फर्जीवाड़े की एसटीएफ जांच में डीआईजी अरविंद सिंह की भूमिका उजागर हुई तो उन्हें शासन ने निलंबित कर दिया. 13 जून 2020 को इंदौर के व्यापारी ने उनके खिलाफ थाना हजरतगंज में मुकदमा दर्ज कराया था. उसके बाद से डीआईजी फरार चल रहे हैं. पुलिस ने उन पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया है. इसी मामले में एक और आईपीएस अधिकारी दिनेश चंद दुबे का भी नाम सामने आया तो शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था.