लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कान फोड़ू लाउड स्पीकरों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. शुक्रवार दोपहर से ही पुलिस एक्टिव मोड में नज़र आई और पुराने लखनऊ के कई धर्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारने की कार्रवाई प्रारम्भ की. एसीपी चौक सुनील शर्मा की अगुवाई में पाटा नाला और कोनेश्वर मंदिर चौराहे पर पुलिस ने खुद मौके पर पहुंचकर धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को उतरवाए.
मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर सड़कों पर उतरी लखनऊ पुलिस, धार्मिल स्थलों से हटवाए लाउडस्पीकर
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को लेकर कार्रवाई लगातार जारी है. न्यायालय के आदेश के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुक्रवार को राजधानी के कई क्षेत्रों में अभियान चलाकर पुलिस धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाए.
एसीपी चौक सुनील शर्मा ने बताया कि शासन के निर्देश पर पुलिस धार्मिक स्थलों से स्पीकरों को हटाने का काम कर रही है. इस क्रम में बिलाली मस्जिद में लाउडस्पीकर लगा पाया गया. जिसे खुद मस्जिद के इमाम और मुतवल्ली ने हटा दिया. इसके अलावा रात में शादी-ब्याह के मौके पर देर रात तक या ज़्यादा ध्वनि के साथ बैंड बाजा बजाने की मामलों की जांच की जा रही है. कई मुहल्लों से शिकायतें आने पर कार्रवाई की जा रही है. आगे भी कार्यवाई की जाएगी. एसीपी चौक ने कहा कि शासन के निर्देश पर फिलहाल 31 मई तक विभिन्न धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर हटवाए जा रहे हैं. इसी के साथ पब्लिक अनोउंसमेन्ट सिस्टम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
बता दें, देश में लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत तो है, लेकिन कुछ कायदे-कानून और बंदिशें भी फालो करनी पड़ेंगी. नियम के मुताबिक हर कोई अपने घर की छत पर लाउडस्पीकर टांग कर कानफोड़ू आवाज में जब चाहे नहीं बजा सकता है. लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर संविधान में बाकायदा नॉयज पॉल्यूशन (रेगुलेशन एंड कंट्रोल) रूल्स-2000 का प्राविधान किया गया है. इसके मुताबिक अगर किसी को सार्वजनिक स्थल पर लाउडस्पीकर या कोई तेज आवाज वाला वाद्य यंत्र बजाना है तो उसके लिए पहले स्थानीय पुलिस प्रशासन या प्रशासन से लिखित में अनुमति लेनी होगी.
यह भी पढ़ें : बृजभूषण शरण सिंह बोले, पहलवानों के आंदोलन को खालिस्तानियों का समर्थन