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यूपी में चप्पे चप्पे पर नशे का कारोबार, पुलिस के अभियान से टूटे ड्रग सप्लायर्स

यूपी के चप्पे चप्पे पर नशे का काला कारोबार फैला हुआ है. सीएम योगी की सख्ती के चलते पुलिस अब अभियान चलाकर नशे के सौदागरों पर टूट पड़ी है. इस वजह से ड्रग सप्लायर्स की रीढ़ टूट चुकी है. चलिए जानते हैं कि कैसे नशे के इस कारोबार पर पुलिस नकेल कस रही है?

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Published : Sep 7, 2022, 5:28 PM IST

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यूपी में चप्पे-चप्पे पर हो रहा है नशे का कारोबार, पुलिस के अभियान ने तोड़ी ड्रग्स सप्लायर्स की कमर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नशे का कारोबार (Drug trade in Uttar Pradesh) गली-गली तक फैला हुआ है. इन गलियों में नशे के कारोबार को चलाने वाले ड्रग सप्लायर्स पर यूपी पुलिस (UP Police) कहर बनकर टूट रही है. इसकी गवाही यूपी पुलिस के वो आंकड़े दे रहे है, जिसके मुताबिक, पिछले 10 दिनों में ड्रग्स पैडलर के खिलाफ 1689 मुकदमें दर्ज करते हुए 1790 आरोपियों को दबोचा गया है. यही नही करीब 30 करोड़ से भी अधिक कीमत के मादक पदार्थों को जब्त किया गया है.

योगी सरकार (Yogi Government) ने उत्तर प्रदेश में अपनी जड़े मजबूत कर चुके नशे के सौदागरों को उखाड़ फेंकने के लिए अभियान चलाया तो जो सच बाहर आया वह बड़ा ही खौफनाक है. यूपी में नशे के सौदागरों ने युवाओं को नशे की अंधेरी गलियों में झोंकने के लिए राज्य भर में नशे का जाल फैला रखा था. अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया यूपी में नेपाल, बिहार, झारखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान बार्डर से मादक पदार्थों की सप्लाई होती है, वहीं हरियाणा के रास्ते शराब लाई जाती है.

उन्होने बताया कि 24 अगस्त से यूपी पुलिस ने राज्य व्यापी अभियान चलाया तो महज 10 दिनों में ही करीब 30 करोड़ का मादक पदार्थ बरामद किया गया. यही नही छापेमारी कर ड्रग्स पैडलर के खिलाफ 1689 मुकदमें दर्ज करते हुए 1790 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. साथ ही 261 आरोपियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए 34 करोड़ 77 लाख 16 हजार रुपये की अवैध सम्पत्ति भी जब्त की गई. पुलिस ने पिछले 10 दिनों में 45,890 किलो गांजा, 650 किलो चरस, 149 किलो अफीम, 14 किलो हेरोइन, 82 किलो स्मैक, 10 किलो मॉर्फीन व 3,765 किलो डोडा बरामद किया है.


वहीं यूपी पुलिस द्वारा चलाये जा रहे विशेष अभियान से पहले राज्य में जब्त किये गए मादक पदार्थो की बात करें तो जनवरी 2022 से जुलाई 2022 तक छह महीनों में इतना नशे का सामान बरामद नही हुआ था. इन छह महीनों में 42,898 किलो गांजा, 610 किलो अफीम, 13 किलो हेरोइन, 79 किलो स्मैक, 13 किलों मॉर्फीन व 3,333 किलो डोडा बरामद किया गया है.

यूपी एसटीएफ के मुताबिक यूपी के महानगरों में खासतौर पर लखनऊ, कानपुर व आगरा में होने वाली रेव पार्टी में लड़कों और लड़कियों के बीच ड्रग्स की काफी डिमांड होती है. खासकर हेरोइन व मैथाड्रोन ड्रग्स डिमांड में हैं. एसटीएफ ने हाल हीं में एक ड्रग्स पैडलर्स को गिरफ्तार किया था, जिसने इंट्रोगेशन के दौरान बताया था कि इंटरनेशनल मार्केट में कोकीन की वैल्यू बढ़ने के बाद सिन्थेटिक कोकीन की सप्लाई शुरू की गई है. बता दें कि सिन्थेटिक कोकीन अब तक मुंबई, दिल्ली और गोवा जैसे महानगरों में होने वाली रेव पार्टी में ही इस्तेमाल होती थी.


यूपी एसटीएफ ने 14 नवंबर 2021 को लखनऊ से मुंबई के गोरेगांव निवासी अजीम को 190 ग्राम मेथाडोन ड्रग के साथ पकड़ा था. उसने पूछताछ में लखनऊ व कानपुर के कई युवकों को पार्टी ड्रग सप्लाई करने की बात स्वीकार की थी. एसटीएफ ने साल 2021 में मार्च, मई व जुलाई में भी मुंबई से सप्लाई की गई पार्टी ड्रग पकड़ पकड़ी थी. उस वक़्त यूपी एसटीएफ के एसएसपी रहे हेमराज मीणा ने बताया था कि ये लोग दिल्ली से स्काई एप के जरिए मैथाडोन ड्रग्स मंगवाते थे. कयूम व रियाज मिलकर मुंबई व गुजरात में सप्लाई करते थे. यह लोग डिमांड के अनुसार ही लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में ड्रग्स की सप्लाई करते थे. एसटीएफ के मुताबिक बिहार से बांग्लादेश तक कोडीन वाले सिरप की अवैध सप्लाई हो रही है.

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी में आने वाले ड्रग्स के रास्तों को चिन्हित कर लिया गया है. इन सभी इलाकों की सीमाओं में चौकसी बढ़ाई जाएगी. प्रशांत कुमार ने बताया कि हेरोइन व कूड तस्करी की तस्करी म्यांमार बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, आसाम से अलग अलग मार्गो से दीमापुर, गुवाहाटी, गया के मार्ग से उत्तर प्रदेश व एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान व महाराष्ट्र में होती है. उन्होंने बताया कि गोल्डेन ट्रैंगिल के लिए अफगानिस्तान, ईरान व पाकिस्तान से गुजरात, राजस्थान व पंजाब के रास्ते से उत्तर प्रदेश में हेरोइन की तस्करी होती है. वहीं गांजा की तस्करी मुख्य रूप से उड़ीसा के भवानी पटना, नाल्को, सोनपुर, बरगढ़ की पहाड़ियों से होती है. वहां गांजा का उत्पादन होता है, जहाँ से छत्तीसगढ़, एमपु के रास्ते झांसी के रास्ते से पश्चिमी यूपी व राजस्थान और छत्तीसगढ़, एमपी से सोनभद्र व प्रयागराज के रास्ते पूर्वी यूपी में गांजा की तस्करी होती है.

प्रशांत कुमार के मुताबिक चरस की तस्करी नेपाल के बढ़नी, सोनौली, वीरगंज बार्डर से बिहार, यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर में चरस की तस्करी होती है व अफीम की तस्करी झारखंड के पलामू, चतरा से पटना से वाराणसी से रेल और सडक रास्ते के जरिये बरेली, बदायूं, अलीगढ़ व एनसीआर में होती है.



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