वाराणसी: अंतिम चरण यानी 7 मार्च को वाराणसी में होने वाले चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत लगा रही है. शायद यही वजह है कि अभी हाल ही में फरवरी माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस में एक कार्यकर्ता सम्मेलन के साथ ही बाबा विश्वनाथ मंदिर तक अघोषित रोड शो कर चुके हैं. इसके बाद अब पीएम मोदी 4 मार्च को एक बार फिर से बनारस में दो दिन के प्रवास के लिए पहुंच रहे हैं.
यह पहला मौका है जब विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी प्रवास पर जा रहे हैं. प्रवास के पीछे की बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि अंतिम चरण में बनारस समेत पूर्वांचल की कई सीटें बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हैं. यह सीटें बीजेपी की नाक बचाने वाली हैं. इन सीटों पर सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से मानी जा रही है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी 4 और 5 मार्च को वाराणसी में रहकर रोड शो के अलावा रैली करते हुए बनारस की आठों सीटें बीजेपी की झोली में डालने का प्रयास करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय काशी प्रवास को लेकर बीजेपी की तरफ से सभी कार्यक्रम लगभग फाइनल कर लिए गए हैं. सातवें और अंतिम चरण के पहले चुनाव प्रचार थमने तक पीएम मोदी को काशी में रोकने की तैयारी पूरी हो चुकी है. इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह ने दो दिन पहले से ही वाराणसी के होटल ताज में डेरा डाल रखा है. इसके अलावा गुरुवार को प्रदेश के कई बड़े नेता और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी वाराणसी आकर डेरा डाल दिया है. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से 4 मार्च को प्रधानमंत्री के रोड शो की तैयारी कर ली गई है. दोपहर में मलदहिया स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद पीएम मोदी रोड शो की शुरुआत करेंगे. वहीं यह रोड शो लहुराबीर, कबीरचौरा, लोहटिया, बुलानाला, मैदागिन, चौक विश्वनाथ धाम बांस फाटक होते हुए गोदौलिया पर जाकर खत्म होगा.
बता दें कि बीजेपी इस रोड शो में लोगों की जबरदस्त भीड़ जुटाने और पिछली बार की तरह इसे ऐतिहासिक बनाने की तैयारियों में जुट गई है. प्रधानमंत्री ने इससे पहले 2014 के लोकसभा, 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी में रोड शो किया था. यह सभी रोड शो बेहद ऐतिहासिक साबित हुए थे और रोड शो में पीएम मोदी की मौजूदगी ने बीजेपी को बड़ा फायदा पहुंचाया था. 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में कई कार्यक्रमों में शिरकत की थी, जिसके बाद उस वक्त बीजेपी गठबंधन ने बनारस की आठों विधानसभा सीटों पर कब्जा किया था. लेकिन इस बार बीजेपी के लिए बनारस की सीटें व पूर्वांचल की अधिकांश सीटें जीतना थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है. इसके चलते पीएम मोदी एक बार फिर बनारस से लेकर पूर्वांचल के समीकरणों को साधने में जुट गए हैं.
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