लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया. इसके साथ ही बुंदेलखंड के निवासियों के लिए चित्रकूट से नई दिल्ली 6 घंटे में पहुंचने का रास्ता साफ हो गया. इससे पहले तक यह दूरी करीब 10 घंटे में तय होती थी. इस प्रोजेक्ट की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में रखी थी. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने इसे दो साल दो महीने के रेकॉर्ड समय में पूरा किया है. चार लेन वाले वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 14,850 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. यूपी सरकार का दावा है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में तेजी आई.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के कारण उत्तर प्रदेश के कई जिलों तक लोगों की सफर आसान हो जाएगी. यह चित्रकूट और इटावा के साथ, एक्सप्रेसवे सात जिलों, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन और औरैया से होकर गुजर रहा है. चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास से शुरू होकर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इटावा जिले के कुदरैल गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इसमें श्यामा, यमुना, बेतवा जैसी नदियों के ऊपर से होकर गुजरा है. 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में 4 रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 286 छोटे पुल और 19 फ्लाईओवर बनाए गए हैं. इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली तक सफर के दौरान यात्रियों को 6 टोल प्लाजा से गुजरना होगा. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के मुताबिक, अभी यह एक्सप्रेसवे चार लेन का है. आने वाले समय में इसमें दो लेन और बढ़ाए जाएंगे और यह 6 लेन का हो जाएगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे' को हरा-भरा बनाने के लिए इसके दोनों किनारों पर सात लाख पौधे लगाए जाएंगे.
शनिवार को जालौन में एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसे विकास का एक्सप्रेसवे बताया. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम प्रदान करेगा. उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है.