लखनऊः एलडीए के अधिकारियों की लापरवाही के चलते पिछले 20 साल से 24 से अधिक आवंटी अपने प्लाट पाने के लिए परेशान हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण की कानपुर रोड स्थित मानसरोवर योजना में वर्ष 1999-2000 के आसपास 24 लोगों को प्लॉट आवंटित किए गए थे. इन लोगों की रजिस्ट्री भी हो चुकी है लेकिन प्लाट पर कब्जा अब तक नहीं मिल सका.
तालाब की जमीन पर काट दिए थे प्लाट
एलडीए की कानपुर रोड योजना के अंतर्गत मानसरोवर योजना में 200 वर्ग मीटर के प्लाट तालाब के नंबर पर आवंटित किए गए थे. जब इसकी जानकारी आवंटन वाले लोगों को हुई तो वह लोग परेशान हो गए और तब से लेकर आज तक लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.
रजिस्ट्री के बाद भी नहीं मिला कब्जा
मानसरोवर योजना के खसरा संख्या 171 पर तालाब होने की वजह से करीब 24 लोगों को भूखंड नहीं मिल पा रहा है. जबकि आवंटियों की तरफ से पैसे भी जमा कर दिए गए और रजिस्ट्री भी कर दी गई थी, लेकिन उन्हें तालाब के नंबर पर प्लाटों के आवंटन के कारण अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया और न ही इन लोगों के प्लाट का समायोजन किसी दूसरी योजना या किसी अन्य जगह पर किया जा सका है.
प्लाट पर कब्जा या समायोजन की मांग
कब्जा न पाने वालों में मुख्य रूप से देवेंद्र सिंह, निर्मला देवी, लालमणि पांडे, पुष्पा सिंह, सरस्वती देवी, अखिलेश चंद्र, पंकज शर्मा, अजीत प्रताप सिंह, सुमन वर्मा, नीलम सिंह, सुधांशु दत्त तिवारी, राकेश वर्मा, आनंद गुप्ता सहित 24 लोगों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर प्लाट पर कब्जा या अन्य किसी तरह से समायोजन की मांग की है.
जल्द कराया जाएगा समस्या का समाधान
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन गंगवार ने इस पूरे मामले में कहा है कि मानसरोवर योजना के जितने भी आवंटी हैं और उन्हें प्लाट पर कब्जा नहीं मिला है. उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा. जिन लोगों की रजिस्ट्री हो गई है और पैसा भी जमा है. उसकी पूरी जांच कराकर प्लाट पर कब्जा या अन्य किसी प्रकार से समायोजन का काम कराया जाएगा.