लखनऊ: ग्रीष्मकालीन नाट्य समारोह के तहत मंगलवार को भारतेंदु नाट्य अकादमी में 'बायेंन' नामक नाटक का मंचन किया गया. यह नाटक लोगों को इतना पसंद आया कि शो हाउसफुल रहा और इसके हर दृश्य को दर्शकों ने खूब सराहा और खड़े होकर तालियां भी बजाईं.
सामाजिक कुरीतियों को दर्शाता है 'बायेंन' नाटक
- 'बायेंन' एक ऐसा नाटक है जिसमे सामाजिक कुरीतियों की झलक दिखाई गई है.
- कहानी समाज के निचले स्तर पर रहने वाले लोगों के हालातों को बयां करती है.
- नाटक के माध्यम से दिखाया गया है कि परंपराओं के चलते कहीं न कहीं कुरीतियां भी आम जनमानस के दिमाग में बैठ जाती हैं.
- इस नाटक के जरिए लोगों में अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ जागरुकता बढ़ाने की कोशिश की गई.
इस कहानी में सामाजिक कुरीतियों के चलते एक मां को अपने बच्चे से और एक पत्नी को अपने पति से अलग होना पड़ता है. अंधविश्वास के चलते एक लड़की को काफी भारी कीमत चुकानी पड़ती है.