लखनऊ:उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले साल 16 जून को ही पूरे प्रदेश में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने का काम किया था. इसके साथ ही प्लास्टिक की बिक्री और उपयोग को अपराध घोषित करते हुए कार्रवाई के निर्देश भी सभी नगर निकायों को दिए थे, लेकिन लखनऊ के अफसरों की लापरवाही और शिथिलता के चलते तमाम इलाकों और बाजारों में प्रतिबंधित प्लास्टिक का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है.
ऐसे में समझा जा सकता है कि 1 साल पूरा होने के बावजूद उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े शहरों में प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बावजूद प्लास्टिक को पूरी तरह से अफसर प्रतिबंधित नहीं कर पाए हैं. कागजी खानापूर्ति करते हुए अभियान चलाए जाने के दावे होते हैं. जुर्माना वसूला जाता है. प्लास्टिक को जब्त करने की कार्रवाई भी होती है, लेकिन पूरी तरह से इस पर अभी प्रतिबंध विभागीय अधिकारियों की तरफ से नहीं लगाया जा सका है.
खुलेआम हो रहा प्लास्टिक का उपयोग
राजधानी लखनऊ के नगर निगम के अधिकारी दावा करते हैं कि जोनल अधिकारियों की टीम बनाकर प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग पर कार्रवाई की जा रही है. दुकानों में छापा मारकर प्लास्टिक जब्त करने और जुर्माना वसूलने का काम हो रहा है. एक करोड़ रुपये के आस पास की धनराशि भी जुर्माने के रूप में वसूल की गई है. वहीं काफी मात्रा में प्लास्टिक को जब्त किया गया, लेकिन इसके बावजूद राजधानी के बाजारों में दुकानों में खुलेआम प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है.
जानकारी देते विभाग के अधिकारी. लॉकडाउन की वजह से नहीं हो रही कार्रवाई
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम अशोक सिंह का कहना है कि सीएम योगी के निर्देश के बाद टीम बनाकर कार्रवाई कर प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से अंकुश लगाने का काम किया गया. काफी मात्रा में जुर्माने की वसूली की गई और प्लास्टिक को जब्त भी किया गया. पिछले कुछ समय में लॉकडाउन की वजह से कार्रवाई नहीं हो पा रही थी, लेकिन फिर से अभियान चलाना शुरू कर दिया है.
पर्यावरण के लिए खतरनाक है प्लास्टिक
प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. राजधानी लखनऊ के पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. इससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है. हर स्तर पर प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की जरूरत है. जागरूकता की जरूरत है और कठोर कार्रवाई करते हुए प्लास्टिक का उपयोग बंद कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
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