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लखनऊ नगर निगम के महंगे फ्लैट बिक नहीं रहे, सस्ते फ्लैटों की योजना निरस्त - वाराणसी में G20 सम्मेलन

लखनऊ नगर निगम के अहाना इन्क्लेव के महंगे फ्लैटों की योजना किसी को रास नहीं आ रही है. यही वजह है कि पहले आओ पहले पाओ योजना चलने के बाद भी ग्राहक फ्लैट लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. उधर, गरीबों के लिए सस्ते आवास बनाने में नगर निगम ने हाथ पीछे खींच लिए हैं.

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Published : Jun 10, 2023, 7:36 AM IST

Updated : Jun 10, 2023, 9:56 AM IST

लखनऊ : नगर निगम लखनऊ ने लखनऊवासियों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया था. इसके तहत पारा में 239 फ्लैटों की योजना का खाका खींचा किया गया था, लेकिन इसे लांच करने से पहले ही निरस्त कर दिया गया है. इसके पीछे भूमि विवाद को वजह बताया जा रहा था. अब बिना तथ्यों की जांच किए योजना प्रस्तावित करने व भूमि चिहिन्त करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

लखनऊ में सस्ते फ्लैट की योजना


प्रधानमंत्री योजना के तहत जी प्लास थ्री आवासों की यह विशेष योजना लखनऊ के शहरवासियों के लिए लाई गई थी. इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया था. नगर निगम के तत्कालीन अफसरों व इंजीनियरों ने योजना के लिए जमीन चिह्नित करने का दावा किया और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंजीकरण शुरू करने की तैयारी की थी. सरकार की ओर से बनाए गए नियमों के तहत 250 आवासों से अधिक की योजना लाए जाने पर पीएम आवास योजना के तहत भी मकान बनाया जाना अनिवार्य है. औरंगाबाद खालसा में अहाना इन्क्लेव में 684 फ्लैटों के पंजीकरण खुले हुए हैं, लेकिन यहां पर महंगे फ्लैट होने होने के कारण करीब 80 पंजीकरण हुए हैं. इसको देखते हुए निगम प्रशासन की ओर से पारा में सस्ते आवास बनाने का प्रस्ताव तैयार किया. इससे निगम प्रशासन आवासीय योजना में पीएम आवास बनाए जाने की शर्त भी पूरी कर लेगा. पारा में दो पीएम आवास योजना के तहत दो परियोजनाएं स्वीकृत कराई गईं. करीब 265 आवासों की एक परियोजना निर्माणाधीन है.

अधिशासी अभियंता पीके सिंह के मुताबिक काम तेजी से चल रहा है. अगले दो महीने में पंजीकरण खोले जा सकते हैं, लेकिन पारा में ही दूसरे पॉकेट में 239 आवासों की परियोजना पर ग्रहण लग गया है. पिछले दिनों प्रमुख सचिव की समीक्षा बैठक में नगर निगम के अधिकारियों ने अवगत कराया कि भूमि विवाद होने के कारण इस परियोजना को निरस्त करने का प्रस्ताव है. वजह बताई गई कि चिन्हित भूमि ग्राम समाज की थी, जिस पर पूर्व में कुछ व्यक्तियों को पट्टा आवंटित किया गया था. इस सम्बंध में परियोजना स्वीकृति के बाद जानकारी हुई. परियोजना में काम शुरू करने पर सम्बंधित व्यक्तियों की ओर से विरोध शुरू कर दिया गया. इससे यहां विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई. अभी तक इसका निवारण नहीं हो सका है.

प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने प्रधानमंत्री आवास योजना के भागीदारी में किफायती आवास घटक में अनारंभ आवासों की समीक्षा के दौरान इस पर नाराजगी जताई. उन्होंने उक्त परियोजना के लिए बिना तथ्यों की जांच किए हुए भूमि चिन्हित करने वाले अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. बता दें, पारा में खसरा संख्या 2830, 2832, 2833, 2840, 2841, 2842, 2843 और 2844 की खाली जमीन पर जी प्लस थ्री प्रकार के पीएम आवास बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.



वाराणसी में जी20 सम्मेलन

वाराणसी में जी20 सम्मेलन.


बता दें, वाराणसी में 11 से 13 जून तक जी-20 सम्मेलन का आयोजन होना है. इसके तहत काशी को भव्य तरीके से सजाने व संवारने का काम अंतिम चरण में है. निदेशालय से नगर निगम को निर्देशित किया गया है कि वाराणसी में आयोजन के दौरान अति विशिष्ट मेहमानों के आगमन के चलते शहर की साफ-सफाई व्यवस्था, शुद्ध पेयजल व मार्ग प्रकाश व्यवस्था के लिए कर्मचारी व उपकरण को उपलब्ध कराया जाए. अभियंत्रण विभाग से अधिशासी अभियंता डीडी गुप्ता व पांच अवर अभियंता, स्वास्थ्य विभाग से एसएफआई हर्ष शुक्ला, मार्ग प्रकाश विभाग से दो अवर अभियंता कृष्ण कुमार, सिद्धार्थ चर्तुवेदी, तीन हेल्पर व दो लाइमैन, जलकल विभाग से अधिशासी अभियंता विश्वनाथ गुप्ता व तीन अवर अभियंता अमरेंद्र, सचिन व शिवांगी तथा तीन स्काई लिफ्ट चालक समेत कर्मचारियों को वाराणसी भेजा गया है.


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Last Updated : Jun 10, 2023, 9:56 AM IST

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