लखनऊ : नगर निगम लखनऊ ने लखनऊवासियों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया था. इसके तहत पारा में 239 फ्लैटों की योजना का खाका खींचा किया गया था, लेकिन इसे लांच करने से पहले ही निरस्त कर दिया गया है. इसके पीछे भूमि विवाद को वजह बताया जा रहा था. अब बिना तथ्यों की जांच किए योजना प्रस्तावित करने व भूमि चिहिन्त करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
प्रधानमंत्री योजना के तहत जी प्लास थ्री आवासों की यह विशेष योजना लखनऊ के शहरवासियों के लिए लाई गई थी. इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया था. नगर निगम के तत्कालीन अफसरों व इंजीनियरों ने योजना के लिए जमीन चिह्नित करने का दावा किया और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंजीकरण शुरू करने की तैयारी की थी. सरकार की ओर से बनाए गए नियमों के तहत 250 आवासों से अधिक की योजना लाए जाने पर पीएम आवास योजना के तहत भी मकान बनाया जाना अनिवार्य है. औरंगाबाद खालसा में अहाना इन्क्लेव में 684 फ्लैटों के पंजीकरण खुले हुए हैं, लेकिन यहां पर महंगे फ्लैट होने होने के कारण करीब 80 पंजीकरण हुए हैं. इसको देखते हुए निगम प्रशासन की ओर से पारा में सस्ते आवास बनाने का प्रस्ताव तैयार किया. इससे निगम प्रशासन आवासीय योजना में पीएम आवास बनाए जाने की शर्त भी पूरी कर लेगा. पारा में दो पीएम आवास योजना के तहत दो परियोजनाएं स्वीकृत कराई गईं. करीब 265 आवासों की एक परियोजना निर्माणाधीन है.
अधिशासी अभियंता पीके सिंह के मुताबिक काम तेजी से चल रहा है. अगले दो महीने में पंजीकरण खोले जा सकते हैं, लेकिन पारा में ही दूसरे पॉकेट में 239 आवासों की परियोजना पर ग्रहण लग गया है. पिछले दिनों प्रमुख सचिव की समीक्षा बैठक में नगर निगम के अधिकारियों ने अवगत कराया कि भूमि विवाद होने के कारण इस परियोजना को निरस्त करने का प्रस्ताव है. वजह बताई गई कि चिन्हित भूमि ग्राम समाज की थी, जिस पर पूर्व में कुछ व्यक्तियों को पट्टा आवंटित किया गया था. इस सम्बंध में परियोजना स्वीकृति के बाद जानकारी हुई. परियोजना में काम शुरू करने पर सम्बंधित व्यक्तियों की ओर से विरोध शुरू कर दिया गया. इससे यहां विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई. अभी तक इसका निवारण नहीं हो सका है.