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कोरोना का कहर: कम पड़ गई कब्रिस्तान की जमीन, लोगों ने की एडवांस बुकिंग

राजधानी लखनऊ में कोरोना महामारी जमकर लोगों पर कहर बरसा रही है. यहां कोरोना से मरने वालों का आलम यह है कि कब्रिस्तानों में जनाजे के लिए जगह कम पड़ गई है. लखनऊ के अब्बास बाग कब्रिस्तान के बाहर सूचना पट लगा दिया गया है कि अब यहां शवों के लिए जगह नहीं बची है.

कम पड़ गई कब्रिस्तान की जमीन
कम पड़ गई कब्रिस्तान की जमीन

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Published : Apr 19, 2021, 6:17 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 7:44 PM IST

लखनऊ: राजधानी में कोरोना की दूसरी लहर कहर बनकर लोगों पर बरस रही है. राजधानी लखनऊ में कोरोना के कारण मरने वालों की तादात इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब यहां कब्रिस्तान भी भरने लगे हैं. शहर के अब्बास बाग कब्रिस्तान में कब्रों के लिए जगह नहीं बची है. जिम्मेदारों ने कब्रिस्तान के बाहर सूचना पट लगाकर लोगों से हाथ जोड़ लिए हैं.

लखनऊ में कम पड़ गई कब्रिस्तान की जमीन.

राजधानी में कोरोना का तांडव
राजधानी लखनऊ में कोरोना महामारी का तांडव इस कदर है कि रोजाना 5 हजार से ज्यादा नए मरीज मिल रहे हैं. इतनी बड़ी तादाद में संक्रमण की सूचना से सरकार और प्रशासन दोनों के ही हाथ पांव फूल गए हैं. सरकार के मुखिया से लेकर पुलिस मुखिया और शहर के जिलाधिकारी सब संक्रमित हो चुके हैं. शमशान घाटों पर एक साथ कई लाशों से उठती लपटें मन को झंकझोर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब कब्रिस्तान में भी मरने वालों के लिए जगह नहीं बच रही है.

कब्रिस्तान

अब्बास बाग के कब्रिस्तान में लगा बोर्ड
पुराने लखनऊ के अब्बास बाग कर्बला में मुतवल्ली की ओर से बोर्ड लगा दिया गया है कि अब कर्बला में जगह नहीं बची है. कब्रों के लिए दबाव न बनायें और न ही गुजारिश करें. कब्रिस्तान में लगा बोर्ड साफ कह रहा है कि यहां जगह खत्म हो चुकी है. मुतवल्ली सिराज ने जानकारी दी की पिछले कुछ दिन में कई लोग यहां दफन हुए ऐसे में अब कब्रिस्तान में जगह नहीं बची है.

कब्रिस्तान में लोगों ने की एडवांस बुकिंग.

लोगों ने पहले ही रिजर्व कर ली कब्रें
पिछले एक वर्ष से कोरोना के खौफ को देखते हुए लोगों ने जिंदा रहते हुए ही अपनी कब्रों की जगह बुक कर ली है. यानी अब तक होटल या रेस्टोरेंट में लोग सीट रिजर्व्ड कराते थे लेकिन, अब लोग तेजी से अपनी हयाती कब्रें बनवा रहे हैं. लोगों को डर है कि कहीं कब्रिस्तानों में जगह कम न पड़ जाए. अब्बास बाग कब्रिस्तान में ही लम्बे समय से रहने वाले अजहर बताते है कि रोजाना 4 से 6 जनाजे दफन होने के लिए सम्पर्क करते हैं लेकिन, यहां अब जगह ही नहीं बची है. ऐसे में वह लोग दूसरे कब्रिस्तानों का रुख कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 19, 2021, 7:44 PM IST

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