लखनऊ :प्रदेश सरकार ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं को लेकर गंभीर है, लेकिन सरकारी मिशनरी सुधरने का नाम नहीं ले रही है. राजधानी के मलिहाबाद तहसील मुख्यालय के गेट नंबर 2 से निकली सड़क दर्जनों गांवों को जोड़ती है, जो विभागीय उदासीनता और अनदेखी का शिकार हो गई है. रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जो वाहन चालकों सहित राहगीरों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं.
कागजों तक सिमटा सीएम का आदेश
सूबे में भाजपा सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें थी कि सड़कों और हाईवे की दुर्दशा सुधर जाएगी. मुख्यमंत्री ने भी सत्ता में आते ही सड़कों को छह माह के अंदर गड्ढा मुक्त करने का दावा किया था, लेकिन सरकारी हुक्मरानों के फेर में मुख्यमंत्री का दावा भी कागजों का पेट भरने तक सीमित रह गया. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो गई है.
दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला मार्ग कई वर्षों से पड़ा जर्जर
लगभग 3 साल पहले तहसील के गेट नं 2 के पास से गढ़ी संजर खां गांव संपर्क मार्ग का निर्माण करवाया गया था. बरसात में जल भराव जैसी स्थिति होने के कारण यह सड़क बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई. वर्तमान समय में तहसील से होकर चौधराना होते हुए मुंशीगंज और गढ़ी संजर खां गांव तक यह सड़क गड्ढों में तब्दील होकर हादसों को दावत दे रही है
शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
पूर्व सभासद अनिल सैनी द्वारा इस सड़क के निर्माण को लेकर कई तहसील दिवसों में प्रार्थना पत्र दिए जा चुके हैं. सदस्य, जिला योजना समिति एवं सभासद सौरभ यादव ने बताया कि उक्त सड़क के पुनर्निर्माण के लिए प्रस्ताव दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक जिम्मेदार विभाग द्वारा अनदेखी की जा रही है.
निर्देश के बाद भी नहीं बनी सड़क
गौरतलब है कि करीब साल भर पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा द्वारा सड़क निर्माण से जुड़े नगर पंचायत व लोक निर्माण विभाग द्वारा फीड बैक लिया जा चुका है एवं दोनों विभागों को आपसी सामंजस्य बनाकर सड़क निर्माण के निर्देश दिए जा चुके हैं. बावजूद इसके सड़क की हालात ज्यों की त्यों बनी हुई है.
जर्जर मार्ग पर चलना दूभर, कई लोग हो चुके चोटिल
राहगीर अवधेश कुमार ने बताया कि जर्जर मार्ग पर दर्जनों लोग चोटिल हो चुके हैं. एक बार किसी काम से जा रहा था तो मोटरसाइकिल का पहिया गड्ढे में चले जाने के कारण मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर गिर गया था, जिससे मैं चोटिल होने से बचा था. कई जनप्रतिनिधियों द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों से इस जर्जर मार्ग के बारे में अवगत कराया गया, मगर किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया. इस सड़क का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए, जिससे लोग चोटिल होने से बच सकें.
जान जोखिम में डाल प्रतिदिन सैकड़ों लोग जर्जर मार्ग से गुजरने पर मजबूर
मलिहाबाद कस्बे के स्थानीय नागरिक जीशान वली ने बताया कि यह सड़क कई वर्षों से जर्जर पड़ी हुई है. इस सड़क से हजारों लोग जान जोखिम में डाल कर निकलते हैं. बड़े अफसोस की बात है कि चंद कदमों पर मलिहाबाद तहसील मुख्यालय होने के बाद भी सम्बन्धित अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती. कई बार तहसील दिवस में इस जर्जर मार्ग को लेकर शिकायत की जा चुकी है मगर आज तक कोई समाधान नहीं हुआ.