लखनऊ : पितृपक्ष Pitru Paksha 2021 आज से प्रारंभ हो रहा हैं, एक पक्ष तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण विधि-विधान से किया जाता है. श्राद्ध पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन यानि 06 अक्तूबर 2021 को होगा. श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों को प्रसन्न करने से है. सनातन मान्यता के अनुसार जो परिजन अपना देह त्यागकर परलोक चले गए हैं, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए सच्ची श्रद्धा के साथ जो तर्पण किया जाता है, उसे श्राद्ध कहा जाता है.
शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष Pitru Paksha 2021 में पितृ 15 दिन तक पृथ्वी पर रहने के बाद अपने लोक लौट जाते हैं. इस दौरान पितृ अपने परिजनों के आसपास रहते हैं. इसलिए इन दिनों कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे पितृ नाराज हों. ज्यातिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि पितृ पक्ष के दौरान शाकाहारी भोजन का ही सेवन करना चाहिए. अगर आप नॉन-वेज और शराब आदि का सेवन करते हैं, तो इनसे बचना चाहिए.
ऐसी मान्यता है कि मृत्यु के देवता यमराज श्राद्ध पक्ष में जीव को मुक्त कर देते हैं, ताकि वे स्वजनों के यहां जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें. मृत परिजनों को पितर कहा जाता है. पितृ पक्ष में मृत्युलोक से पितर पृथ्वी पर आते है और अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं. पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनको तर्पण किया जाता है.
पितरों के लिए क्या करें
सर्वप्रथम अपने पूर्वजों की इच्छा अनुसार दान-पुण्य का कार्य करना चाहिए. दान में सर्वप्रथम गौदान करना चाहिए. र तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, गुड़, चांदी, पैसा, नमक और फल का दान करना चाहिए. यह दान संकल्प करवा कर ही देना चाहिए और अपने पुरोहित या ब्राह्मण को देना चाहिए. श्राद्ध पक्ष में यह दान तिथि अनुसार ही करें. ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
पितरों से मांगें क्षमा-याचना