लखनऊ: राजधानी में लखनऊ विश्वविद्यालय अब फार्मेसी का कोर्स जल्द ही शुरू करने जा रहा है. फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता पर रोक लगी होने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय में फार्मेसी पाठ्यक्रम शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है. अगले सत्र से इस कोर्स का संचालन शुरू हो जाएगा.
मुख्य बातें-
- फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने फार्मेसी कोर्स की मान्यता पर रोक लगा रखी है.
- रोक लगी होने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय में फार्मेसी पाठ्यक्रम शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है.
- लखनऊ विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा था.
- पत्र के जवाब में कहा गया है कि यह रोक सिर्फ निजी कॉलेजों के लिए है.
- लविवि सरकारी संस्था है, इसलिए लविवि अपने यहां यह पाठ्यक्रम चला सकता है.
बता दें कि विद्यार्थियों में इस क्षेत्र में दिलचस्पी पैदा होने की वजह से तेजी से निजी कॉलेज खुल गए थे. इनकी संख्या बहुत ज्यादा होने की वजह से फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने 5 साल के लिए नए बैचलर ऑफ फार्मेसी और डिप्लोमा इन फार्मेसी कोर्स की मान्यता पर रोक लगा रखी है.
इसको लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा था, जिसके बाद मंत्रालय की ओर से पत्र के जवाब में कहा गया कि यह रोक सिर्फ निजी कॉलेजों के लिए है. लखनऊ विश्वविद्यालय सरकारी संस्था है, इसलिए लविवि अपने यहां यह पाठ्यक्रम खोल सकता है. पत्र के जवाब से उत्साहित लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने इंजीनियरिंग संकाय की शुरुआत की थी. इसके बाद अब धीरे-धीरे लखनऊ विश्वविद्यालय मेडिकल की तरफ कदम बढ़ा रहा है. इस समय यूनानी और आयुर्वेद महाविद्यालय भी संयुक्त है, लेकिन इनके पाठ्यक्रम का संचालन परिसर में नहीं होता है.